Ranchi : एक महिला ने झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय पर केस उठाने के लिए धमकी देने का आरोप लगाया है. इसको लेकर झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के महामंत्री रमेश उरांव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सस्ती लोकप्रियता पाने के सांसद निशिकांत दुबे ने राकेश पांडेय के खिलाफ महिला से आवेदन दिलाया है.
परेशान करने की नीयत से दिलाया गया है आवेदन
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन द्वारा जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीते एक जून को सांसद निशिकांत दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक ट्वीट किया है, जिसमें झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन राकेश पांडेय पर आरोप लगाया गया है, कि विधायक बलात्कार केस मामले में राकेश पांडेय द्वारा पीड़ित महिला को धमकी दिया जा रहा है और दबाव बनाया जा रहा है, जो कि बेबुनियाद है. 22 जून को यौन उत्पीड़न की पीड़िता से एक आवेदन प्रदेश अध्यक्ष को परेशान और फंसाने के लिए दिलवाया गया है. यह सस्ती लोकप्रियता पाने या दोबारा पीड़िता को बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने से संबंधित हो सकता है.
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दुर्भावना से ग्रसित होकर निंदनीय कार्य किया जा रहा है
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन द्वारा जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि सांसद द्वारा पुलिस के प्रति संवेदी ट्वीट करते थे. उसमें प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपनी बात मुखरता से रखा जाता था. जिस वजह से निशिकांत दुबे द्वारा दुर्भावना से ग्रसित होकर बौखलाहट में इस तरह का निंदनीय कार्य किया जा रहा है. सांसद निशिकांत दुबे पुलिसकर्मी, सिपाही, हवलदार से लेकर पुलिस के आला अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाते रहे हैं. पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते राकेश पांडे हमेशा पुलिस पर लगे आरोप को खंडन करते रहे हैं.
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पीड़िता को बॉडीगार्ड लेकर रखने की आदत बन गई है
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पुलिस कर्मियों का पक्ष रखने के कारण बौखलाहट में अपने पद का गलत इस्तेमाल कर सांसद निशिकांत दुबे द्वारा इस तरह का कार्य किया जा रहा है. विधायक प्रदीप यादव पर केस करने वाली पीड़िता निशिकांत दुबे के प्रभाव में है. यह बात निशिकांत दुबे की ट्वीट और पीड़िता के आवेदन से स्पष्ट नजर आ रहा है. पीड़िता को बॉडीगार्ड लेकर रखने की आदत बन गई है. बॉडीगार्ड वापस लिए जाने के बाद पीड़िता द्वारा इस तरह का झूठा आरोप लगाकर प्रदेश अध्यक्ष को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. इसको लेकर झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सरकार से इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.