New Delhi : संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार के विरोध में लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चरचा करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर हल्ला बोला. आरोप लगाया कि वे ऐसे प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं जो गरीब परिवार से आते हैं और जिन्होंने गरीब जनता को मकान, शौचालय और पीने का पानी उपलब्ध कराया. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey says, “This No Confidence Motion has been brought. Why has this been brought? Sonia ji (Gandhi) is sitting here…I think she has to do two things – Bete ko set karna hai aur Damad ko bhent karna hai…That is the base of this Motion.” pic.twitter.com/Gb40E2gfzu
— ANI (@ANI) August 8, 2023
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey raises the issue of the Supreme Court staying Rahul Gandhi’s conviction in the ‘Modi’ surname remark case following which his membership was restored.
He says, “The Supreme Court has not given a judgement. It has given a stay order…He is saying… pic.twitter.com/7Q6UZ5Fxd9
— ANI (@ANI) August 8, 2023
पीएम ने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की
लोकसभा में कांग्रेस के गौरव गोगोई द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए गोड्डा(झारखंड) के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, आज यह अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. यह प्रस्ताव उस व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ है जिसने गरीबों को मकान बनाकर दिये, जिसने गरीब जनता को पीने का पानी दिया, शौचालय दिये, जिसने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की.
विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं
श्री दुबे ने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध इस बात पर है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में गरीब के घर में चूल्हा क्यों जल रहा है, विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं. उन्होंने कहा कि महाभारत में द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था और भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, धृतराष्ट्र आदि सब मौन धारण किये हुए थे. दुबे ने कहा, इसी तरह आज जब आप (विपक्ष) प्रधानमंत्री का, गरीबों और किसानों के एक हितैषी का चीरहरण करेंगे तो जिस तरह उस समय भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, धृतराष्ट्र में से कोई नहीं बचा, उसी तरह 2024 में आपमें से कोई नहीं बचेगा.
हम 400 सीट के साथ सत्ता में वापस आयेंगे
भाजपा सांसद ने कहा कि हम 400 सीट के साथ सत्ता में वापस आयेंगे. आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में विपक्षी सदस्य जब भाग लेंगे तब जिस तरह से महाभारत में द्रोपदी चीरहरण हुआ था, उसी तरह वे प्रधानमंत्री की नीतियों का चीरहरण कर रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई का भाषण समाप्त होने के बाद जब दुबे ने सत्तापक्ष की ओर से बोलना शुरू किया तो उनके सोमवार को सदन में दिये गये बयानों के विरोध में कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया. सदन में 10 मिनट से अधिक समय तक कार्यवाही बाधित रही.
कांग्रेस सदस्य निशिकांत दुबे के लगाये गये आरोपों को पहले सदन की कार्यवाही से हटाये जाने और फिर कार्यवाही में शामिल किये जाने का दावा करते हुए हंगामा कर रहे थे. लोकसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा, छोटी बातों पर गंभीर टिप्पणी करना उचित नहीं है. इसके बाद कार्यवाही आगे बढ़ी.
मैं मणिपुर के इतिहास का भुक्तभोगी हूं
दुबे ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य मणिपुर की बात कर रहे थे, लेकिन विपक्षी पार्टी को शहादत के बारे में कुछ नहीं पता. उन्होंने कहा, मैं मणिपुर के इतिहास का भुक्तभोगी हूं. मेरे मामा जब वहां सीआरपीएफ के डीआईजी थे तो उन पर हमला हुआ था और उन्हें अपने पैर गंवाने पड़े. भाजपा सांसद ने कहा कि कल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाली पर विपक्षी पार्टी के सदस्य इतनी खुशी मना रहे थे, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अभी केवल स्थगन आदेश दिया है, फैसला नहीं सुनाया.
विपक्षी गठबंधन में सारे दल एक दूसरे से लड़ रहे हैं
निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसद अपने गठबंधन INDIA की बात करते हैं लेकिन इनमें से कुछ को ही इसका विस्तृत नाम पता होगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में सारे दल एक दूसरे से लड़ रहे हैं, लेकिन नाम INDIA रखा है. दुबे ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने आजादी के बाद से देश का जितना नाम नहीं लिया होगा, उतनी बार ‘इंडिया इंडिया’ के नारे लगा दिये. दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं है, बल्कि विपक्ष में विश्वास का प्रस्ताव है जिससे यह पता चल जाए कि विपक्ष में कौन किसके साथ है.
एक दूसरे से लड़ने वाले दल अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं
निशिकांत दुबे ने कहा कि एक दूसरे से लड़ने वाले दल आज प्रधानमंत्री के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं. दुबे ने कहा कि 1976 में भ्रष्टाचार के आरोप में कांग्रेस ने द्रमुक नेता करुणानिधि की सरकार को बर्खास्त किया था और 1980 में द्रमुक ने तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार से हाथ मिला लिया. उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जांच करने वाले जैन आयोग ने कहा था कि लिट्टे को करुणानिधि की पार्टी सहयोग देती थी, फिर भी कांग्रेस उसके साथ है.
उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में द्रमुक नेता कनिमोई और ए राजा को कांग्रेस की सरकार के समय जेल में डाला गया था. उन्होंने कहा कि जिस सिंगूर आंदोलन के आधार पर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सरकार बनाई थी उसमें भाजपा ने साथ दिया था और इस तरह बंगाल में तृणमूल की सरकार बनाने में भाजपा का योगदान है.
तृणमूल कांग्रेस नारद और सारदा के मामले दर्ज कराने वाली कांग्रेस के साथ
तृणमूल कांग्रेस नारद और सारदा के मामले दर्ज कराने वाली कांग्रेस के साथ है.’’ भाजपा सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद को 1995 में तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के समय जेल में डाला गया था, तो भाजपा से उनका विरोध क्यों है. उन्होंने कहा कि इसी तरह समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 में आय से अधिक संपत्ति का मामला कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने दर्ज कराया था.
1980 में शरद पवार की महाराष्ट्र सरकार को कांग्रेस ने बर्खास्त किया
दुबे ने कहा, लेकिन हम मानते थे कि सपा संस्थापक ईमानदार हैं और उनके खिलाफ सीबीआई के मामले भाजपा के समय वापस लिये गये. तब भी यह पार्टी हमारे विरोध में है. उन्होंने कहा, 1980 में शरद पवार की चुनी हुई महाराष्ट्र सरकार को हमने नहीं, कांग्रेस ने बर्खास्त किया था क्योंकि पवार ने अलग पार्टी बना ली थी. पवार पर आरोप हमने नहीं लगाये.’ दुबे ने कहा, हमने क्या किया? हमसे किस बात की लड़ाई?
1953 से 1975 तक शेख अब्दुल्ला को कांग्रेस ने जेल में बंद रखा
उन्होंने कहा कि 1953 से 1975 तक शेख अब्दुल्ला को कांग्रेस ने जेल में बंद रखा और बाद में दोनों ने समझौता कर लिया, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस का विरोध भाजपा से है. उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) पर भी निशाना साधा. दुबे ने नेशनल हेराल्ड’ मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि आयकर बचाने के लिए कांग्रेस के नेता उच्चतम न्यायालय में चले जाते हैं. दुबे ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और मुस्लिम लीग जैसे दलों के साथ भाजपा ने वैचारिक विरोध के कारण आज तक कभी समझौता नहीं किया.