New Delhi : लोकसभा में आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के क्रम में राहुल गांधी के बयान पर हंगामा हो गया. राहुल गांधी ने कहा, कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया. लेकिन हमारे पीएम नहीं गये. उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है. मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है. आपने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया है. तोड़ दिया है. मैं राहत शिविरों में गया हूं इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई अलग-अलग भाषाएं, कोई जमीन, कोई धर्म तो कोई सोना और चांदी कहता है।
लेकिन सच्चाई है कि यह देश एक आवाज है।
इस देश के लोगों की आवाज है। इस देश के लोगों का दर्द है, दुख है, कठिनाइयां हैं।
इस आवाज को सुनने के लिए हमें अपने अहंकार को खत्म करना पड़ेगा।… pic.twitter.com/vLztZoNCNv
— Congress (@INCIndia) August 9, 2023
BJP के मित्रों, डरो मत।
इस बार मेरा भाषण अडानी पर नहीं है।
: संसद में @RahulGandhi जी pic.twitter.com/WVfShcyjnI
— Congress (@INCIndia) August 9, 2023
भारत हमारी जनता की आवाज है, दिल की आवाज है
राहुल ने कहा, भारत हमारी जनता की आवाज है. दिल की आवाज है. उस आवाज की हत्या आपने मणिपुर में की. आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की. आपने मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की. आप देशद्रोही हो. आप द्रेशप्रेमी नहीं हो. इसलिए आपके पीएम मणिपुर में नहीं जा सकते हैं. क्योंकि उन्होंने हिंदुस्तान की हत्या की है. भारत माता की हत्या की है. आप भारत माता के रखवाले नहीं हो, आप भारत माता के हत्यारे हो. राहुल के इस बयान पर सत्तापक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया.
राहुल के बयान पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें बीच में रोकते हुए कहा कि राहुल गांधी को आदर से बात करनी चाहिए. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं अपनी मां की हत्या की बात कर रहा हूं. मैं आदर से बोल रहा हूं. कहा कि हिंदुस्तान की सेना मणिपुर में एक दिन में शांति ला सकती है. लेकिन आप सेना का इस्तेमाल नहीं कर रहे हो. क्योंकि आप मणिपुर में भारत माता को मारना चाहते हैं. पीएम मोदी अपने दिल की बात नहीं सुनते तो किसकी बात सुनते हैं, सिर्फ दो लोगों की बात सुनते हैं.
रावण दो लोगों की सुनता था, मेघनाद और कुंभकर्ण
राहुल ने रामायण की चर्चा की. कहा कि रावण दो लोगों की सुनता था, मेघनाद और कुंभकर्ण, उसी तरह पीएम मोदी सिर्फ दो लोगों की सुनते हैं अमित शाह और अडानी. कहा कि लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, अहंकार ने लंका को जलाया था. राम ने रावण को नहीं मारा था, अहंकार ने उसे मारा था. आप पूरे देश में केरोसिन फेंक रहे हो. आप हरियाणा को जला रहे हो. आप पूरे देश को जलाने में लगे हो.
जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं
अपने भाषण की शुरुआत में गांधी ने स्पीकर से कहा, मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं. कहा कि मैंने पिछली बार अडानी के मुद्दे पर जोर से बोला था. उससे सीनियर नेता को कष्ट हुआ. अब आपको डरने की जरूरत नहीं है. घबराने की जरूरत नहीं है. मेरा भाषण आज अडानी पर नहीं बोलने जा रहा है.आप रिलेक्स कर सकते हैं. शांत रह सकते हैं. मेरा भाषण आज दूसरी दिशा में होगा. रूमी को उद्धृत करते हुए कहा, जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं. तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा. एक दो गोले जरूर मारूंगा, लेकिन इतने नहीं मारूंगा. आप लोग रिलेक्स कर सकते हैं.
भारत अहंकार को सेकेंडों में मिटा देता है
अडानी और भारत जोड़ो यात्रा पर बात की. यात्रा को लेकर कहा कि हर रोज मैं 8-10 किलोमीटर चलता था. तो विचार आया कि मैं 20-25 किलोमीटर भी चल सकता हूं. मुझे अहंकार हो गया था. लेकिन भारत अहंकार को सेकेंडों में मिटा देता है. कहा कि दो तीन दिन में ही मेरे घुटनों में इतना दर्द होने लगा कि कि मेरा अहंकार निकल गया. मेरा अहंकार भेड़िया से चीटी बन गया.
मैं लोगों को जानना चाहता था, समझना चाहता था
राहुल गांधी ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने पूछा कि तुम क्यों चल रहे हो? तुम्हारा मकसद क्या है? तुम कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो. राहुल गांधी ने कहा कि शुरू के दिनों मे मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था. मुझे मालूम नहीं था कि मेरी यात्रा क्यों हो रही है. मैं लोगों को जानना चाहता था, समझना चाहता था. थोड़ी देर में मुझे बात समझ में आने लगी. जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार, जिस चीज के लिए मोदी की जेलों में जाने के लिए तैयार. जिस चीज को मैंने हर रोज गाली खायी. उस चीज को समझना चाहता था. आखिर ये है क्या? जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे समझना चाहता था.
मेरा भाषण आज अडानी पर नहीं होने जा रहा
इस क्रम में राहुल गांधी ने स्पीकर से कहा, मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं. कहा कि मैंने पिछली बार अडानी के मुद्दे पर जोर से बोला था. उससे सीनियर नेता को कष्ट हुआ. अब आपको डरने की जरूरत नहीं है. घबराने की जरूरत नहीं है. मेरा भाषण आज अडानी पर नहीं होने जा रहा है.आप रिलेक्स कर सकते हैं. शांत रह सकते हैं. मेरा भाषण आज दूसरी दिशा में होगा. रूमी को उद्धृत करते हुए कहा, जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं. तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा. एक दो गोले जरूर मारूंगा, लेकिन इतने नहीं मारूंगा. आप लोग रिलेक्स कर सकते हैं.