Chatra: देश की आजादी के 76 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन जिले के हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र की डाहा पंचायत अंतर्गत बिहिया गांव का तरीपरटोला में रह रहे सैकड़ों लोगों का जीवन आज भी वर्ष 1947 के ईद-गिर्द घूम रहा है. इसे सरकारी तंत्र की नाकामी कहें या फिर कुछ और, एक लंबा अरसा बीतने के बावजूद प्रखंड के सभी गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. लोग अभी भी अंधेरे युग में जीवनयापन कर रहे हैं. ग्रामीणों बिजली को लेकर इस बार वोट का बहिष्कार करने का मन बना लिया है. सभी ग्रामीण आक्रोशित होकर बस एक ही नारा लगा रहे हैं, बिजली नहीं तो वोट नहीं.
ग्रामीण तारा देवी बताती है कि मेरी उम्र 60 वर्ष हो चुकी है, लेकिन अभी तक गांव में बिजली नहीं पहुंची है. चाहे गेंहू पिसवाना हो, या बच्चों का स्कूल हो, खेती किसानी की जरूरतें हो या मोबाइल को चार्ज करने जैसी जरूरत, सब दो किलोमीटर बिहिया गांव जाकर करना पड़ता है. ग्रामीण हरमू यादव का कहना है कि पिछले 75 वर्षों से अभी तक इस गांव बिजली नहीं पहुंची है. हमारे छोटे-छोटे बच्चे ढिबरी युग में जी रहे हैं. अब हम सभी को अपनी आने वाली पीढ़ियों की फिक्र सताने लगी है. बिजली आज के जमाने में सबसे बड़ी जरूरत बन गई है.
राजेश शर्मा के अनुसार, बिजली नहीं होने से पेयजल और सिंचाई की सुविधाएं भी यहां नहीं हैं. इन समस्याओं का खामियाजा गांव के नौजवानों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि बिजली विहीन गांव की दुर्दशा देखकर कोई भी लड़की यहां बहु बनकर नहीं आना चाहती. यहां के छात्र को भी पढ़ाई करने में दिक्कत होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का नारा यहां मुंह चिढ़ा रहा है. ग्रामीण सवालिया लहजे में रहते हैं कि डिजिटल इंडिया कैसे बनेगा जब गांव में बिजली ही नहीं है. हम समस्त ग्रामीण यदि 10 दिनों में बिजली नहीं आएगी तो वोट बहिष्कार करेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली नहीं तो वोट भी नहीं. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता पंचानन सिंह ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस गांव में बिजली की समस्या का निदान किया जाएगा. सभी जगह बिजली पहुंच चुकी है. कुछ टोला में नहीं पहुंची है उसका सर्वे किया जा रहा है. वोट बहिष्कार करना समस्या का समाधान नहीं है.
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