Delhi : केंद्र सरकार ने बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाले Article 370 को हटाये जाने की पूर्व जानकारी किसी पत्रकार या आम नागरिक के पास होने से इनकार किया है. ज्ञात हो कि पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर, उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इस आशय की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में की थी.
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कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने सवाल पूछा था
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से एक लिखित सवाल में पूछा था कि क्या यह सच है कि पांच अगस्त 2019 को संसद में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के संबंध में जानकारी दिये जाने से भी पहले इस गोपनीय जानकारी को एक पत्रकार सहित कुछेक नागरिकों के साथ साझा किया गया था? इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, जी नहीं.
साथ ही एक सवाल के लिखित जवाब में जी किशन रेड्डी बताया कि देश के विभिन्न भागों में 2019 के दौरान राजद्रोह के 93 मामले दर्ज किये गये, जिनमें 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया. किशन रेड्डी ने कहा कि 2019 में 76 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किये गेय. वहीं 29 लोगों को अदालतों ने बरी कर दिया.
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राजद्रोह के सबसे अधिक मामले 22 कर्नाटक में दर्ज किये गये
रेड्डी ने बताया कि राजद्रोह के सबसे अधिक मामले 22 कर्नाटक में दर्ज किये, जहां 18 लोगों की गिरफ्तारी की गयी. असम में राजद्रोह के 17 मामले दर्ज हुए, जहां 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में राजद्रोह के 11 मामले दर्ज केय गये. जहां 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया. उत्तर प्रदेश में ऐसे 10 मामले दर्ज हुए. जहां नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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