Amit Kumar
RANCHI : जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की विशेष तकनीकी समिति ने 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घरों में नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है. समिति ने सभी राज्य को इसी के तहत पेयजलापूर्ति योजना बनाने का निर्देश दिया है. झारखंड भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने प्रत्येक घर नल से जल उपलब्ध कराने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. मगर प्रदेश में हर घर को नल से जल देने की योजना कितनी धरातल पर उतरती है, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा.
राज्य गठन से लेकर अबतक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जलापूर्ति योजनाओं पर 5000 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च कर चुका है. तब भी 20 वर्षों में मात्र 8 प्रतिशत घरों तक ही वाटर कनेक्शन पहुंच पाया है. वर्ष 2001 में मात्र 2 प्रतिशत घरों में ही वाटर कनेक्शन था. 2020 में कुल 10 प्रतिशत घरों में वाटर कनेक्शन पहुंच पाया है. 2024 तक 90 प्रतिशत घरों में वाटर कनेक्शन देना बड़ी चुनौती है.
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राज्य की आधी आबादी को नहीं मिलता पाइपलाइन से पीने का पानी
झारखंड अलग राज्य गठन के 20 वर्ष गुजर जाने के बाद भी यहां आधी आबादी को भी पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति नहीं की जा सकी है. फिलहाल राज्य की 38 प्रतिशत आबादी तक ही पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति हो पायी है. वर्ष 2000 के पहले राज्य की केवल 5 प्रतिशत आबादी को ही पाइपलाइन के जरिये पानी उपलब्ध कराया जाता था. 2014-15 तक भी पाइपलाइन जलापूर्ति योजना से ग्रामीण आबादी का केवल 12 प्रतिशत था.
राज्य के 5.48 लाख घरों तक ही पहुंच पाया है वाटर कनेक्शन से पानी
राज्यभर के 54.08 लाख घरों में से केवल 5.48 लाख घरों (लगभग 10 प्रतिशत) में ही पानी का कनेक्शन दिया जा सका है, जबकि, करीब 49 लाख घरों में पानी का कनेक्शन देने का काम अब भी बाकी है. राज्य गठन के पूर्व स्थिति बदतर थी. वर्ष 2001 में राज्य के दो प्रतिशत घरों में ही पानी का कनेक्शन था.
मात्र 4 साल में सभी घरों को पानी देने का लक्ष्य
राज्य के शहरों में 15.71 लाख घर ऐसे हैं, जो पीने के पानी के लिए कुआं, चापाकल या अन्य स्रोतों पर निर्भर हैं. कुल 20 लाख घरों में से मात्र 4 लाख घरों में फिलहाल पाइप के जरिए पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. राज्य सरकार अगले तीन साल में सभी घरों तक पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है. शेष घरों तक राज्य की अन्य योजनाओं के तहत पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर कुल लाभुकों की संख्या 2,96,067 है. लेकिन प्रतिवर्ष जनसंख्या मे 2 से 2.5 प्रतिशत वृद्धि के राष्ट्रीय मानक के आधार पर वर्तमान में लाभुकों की संख्या 3.5 लाख होगी.
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प्रदेश में 172 सरफेस वाटर आधारित जलापूर्ति योजनाओं पर चल रहा काम
पेयजल विभाग स्टेट प्लान, वैलफेयर डिपार्टमेंट, एनआरडब्ल्यूपी और डीएमएफटी की 172 सरफेस वाटर आधारित जलापूर्ति योजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है. जिसमें से मार्च 2021 तक 46 योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है. 2020 दिसंबर के अंत तक 20 योजनाएं पूरी होगी.
इन योजनाओं पर 4 हजार 706 करोड़ रूपए खर्च होंगे. इन योजनाओं से राज्यभर में 44 लाख 45 हजार लोगों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.
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