LagatarDesk: कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई. लॉकडाउन के कारण लोगों के जीवन में कई अहम बदलाव भी हुए. कोरोना महामारी के बीच लोग काफी डिजिटलाइज हो गये. लोगों ने सारा काम ऑनलाइन करना शुरु कर दिया. बड़े-बड़े सेक्टर में भी सारे काम ऑनलाइन होने लगे. लोगों ने वर्क फॉम होम काम करना भी शुरु कर दिया.
कोविड महामारी के कारण ऑनलाइन एजुकेशन को भी काफी बढ़ावा मिला. उम्मीद की जा रही है कि अगले 4 से 5 सालों में सब कुछ डिजिटलाइज हो जायेगा. चाहे वो काम हो, शॉपिग हो या फिर एजुकेशन हो. कोई भी सेक्टर इससे अछूते नहीं रहेंगे. ये सारी बाते वित्त वर्ष 2020-21 के आर्थिक सर्वे में कही गयी हैं. कल इकोनॉमिक स्रवे को पेश किया गया. बीते 2 साल में स्मार्टफोन के प्रयोग में 25.3 फीसदी की वृद्धि हुई है.
इसे भी पढ़े:गाजीपुर बार्डर पर भी इंटरनेट सेवा बंद, बापू की पुण्यतिथि पर किसानों का अनशन
स्मार्टफोन के यूज में हुई वृद्धि
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, बीते 2 साल में स्मार्टफोन के प्रयोग में 25.3 फीसदी की वृद्धि हुई है. यह आंकड़ा केवल स्कूल के छात्रों का है. आंकड़ों के अनुसार, 2018 में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 36.5 फीसदी छात्र स्मार्टफोन का प्रयोग करते थे. 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 61.8 प्रतिशत हो गया है. आर्थिक सर्वे में एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) 2020 वेव-1 (रूरल) में इन सारे आंकड़ों का विवरण है.
इसे भी पढ़े:मैन पॉवर की कमी से जूझ रही झारखंड पुलिस की दो बड़ी जांच एजेंसियां
PM E-VIDYA और MOOC जैसी कई योजनाओं की हुई शुरुआत
इस सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 के दौरान सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए कई कदम उठाये हैं. इसमें PM E-VIDYA जैसे प्रयास शामिल हैं. PM E-VIDYA का उद्देश्य मल्टी-मोड के जरिये छात्रों तक शिक्षकों की पहुंच सुनिश्चित कराना लक्ष्य है.
सर्वे के मुताबिक, स्वयं मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) के तहत 92 कोर्स शुरू किए जा चुके हैं. इनमें 1.5 करोड़ छात्रों से अधिक ने अपना एनरोलमेंट भी कराया है. ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए 818.17 करोड़ रुपये एलॉट
कोविड-19 का प्रभाव कम करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 818.17 करोड़ रुपये एलॉट किये गये हैं. इस राशि का इस्तेमाल डिजिटल प्रयासों के जरिये ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इसके अलावा समग्र शिक्षा स्कीम के तहत ऑनलाइन टीचर ट्रेनिंग के लिए 267.86 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
इसे भी पढ़े:बजट का महत्व और आम जनता पर बजट इसका असर
अगले दशक में Youth की संख्या ज्यादा होगी : सर्वे
आर्थिक सर्वे में कहा गया है वैश्विक स्तर पर अगले एक दशक में भारत की जनसंख्या में Youth की संख्या सबसे ज्यादा होगी. इनको हाई क्वालिटी वाले शैक्षणिक अवसर प्रदान करने की क्षमता देश के भविष्य को निर्धारित करेगी.
इसे भी पढ़े:मुरादाबाद में सड़क हादसा, बस और ट्रक में टक्कर, 10 की मौत, योगी ने मुआवजे की घोषणा की
सर्वे : महिलाओं की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम
सर्वे के मुताबिक, भारत प्राथमिक विद्यालय स्तर पर करीब 96 फीसदी साक्षरता दर प्राप्त कर चुका है. नेशनल सैंपल सर्वे (NSS) के मुताबिक, ऑल इंडिया स्तर पर 7 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों की साक्षरता दर 77.7 फीसदी है. महिलाओं की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है. इसके अलावा हिंदू और मुस्लिम धर्म के अनुसूचित जाति-जनजाति, ओबीसी की साक्षरता दर भी राष्ट्रीय औसत से कम है.
इसे भी पढ़े:फिल्म ‘RRR’ टीम ने Olivia Morris को कुछ इस तरह किया बर्थडे विश
क्वालिटी एजुकेशन के लिए नयी पॉलिसी की घोषणा
सर्वे में कहा गया कि स्कूलों और संस्थानों में क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नयी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की घोषणा की है. इसमें किफायती और प्रतियोगी शिक्षा पर फोकस किया गया है. नेशनल पॉलिसी ऑन एजुकेशन 1986 के जगह यह नयी पॉलिसी लायी गयी है. यह पॉलिसी पिछले 34 सालों से चल रही थी.