Ranchi: झारखंड कैडर के चार आइएएस अफसरों पर लगे आरोपों की फाइल सरकार ने बंद कर दी है. जानकारी के अनुसार, इन अफसरों को क्लीन चिट भी दे दी गई है. अफसरों में किरण पासी, मनीष रंजन, अरवा राजकमल और बाघमारे प्रसाद कृष्णा का नाम शामिल हैं.आईएएस किरण पासी पर गोड्डा की उपायुक्त रहते हुए वर्ष 2019 में पोषाहार आपूर्ति में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा. लगभग चार साल तक जांच चली. अब फाइल बंद हो गई है.
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मनीष रंजन की भी फाइल क्लोज
आइएएस मनीष रंजन पर लगे आरोपों की भी फाइल क्लोज कर दी गई है. मनीष रंजन के खिलाफ पदस्थापना काल में कई परिवाद आए, लेकिन वे फाइलों में ही बंद रह गए. जबकि एक अधिकारी ने उस समय सभी परिवादों को पुट अप कर आगे की कार्यवाही करने की अनुशंसा फाइल पर की थी.
विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा, अब फाइल बंद
2008 बैच के आईएएस अफसर अरवा राजकमल जब बोकारो डीसी थे, तब उन्होंने 8 फरवरी 2013 से 14 दिनों के लिए ईएल के लिए अप्लाई किया था. 7 फरवरी 2013 को उन्होंने बिना किसी सक्षम प्राधिकार को बताए मुख्यालय छोड़ दिया. इसके बाद फिर 14 दिनों की छुट्टी के लिए अप्लाई किया. फिर तीन साल की छुट्टी के लिए ईओएल अप्लाई किया. इस मामले में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर इंदु शेखर चतुर्वेदी ने जांच की. आरोप को सही पाया गया. इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुंशसा की गई. अब फाइल क्लोज हो गई है.
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बर्खास्तगी तक पहुंचा मामला
आईएएस वाघमारे प्रसाद कृष्णा लगभग तीन साल से अधिक समय से बिना सूचना के अनुपस्थित थे. विभागीय कार्यवाही के संचालन पदाधिकारी सह तत्कालीन अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी ने जांच रिपोर्ट कार्मिक विभाग को सौंपी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने भारत सरकार को वाघमारे कृष्णा प्रसाद के डीम्ड रेजिगनेशन का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और राज्य सरकार को वापस भेज दिया. अब फाइल बंद कर दी गई है.