LagatarDesk : पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है. ईंधन के दामों में रिकॉर्ड बढोतरी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ने लगा है. डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में भी इजाफा हुआ है. इसके कारण हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं. लोगों का किचन का बजट भी बिगड़ रहा है.
तीन साल में डीजल के दाम में 33 फीसदी का इजाफा
बता दें कि कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम 100 के पार चले गये हैं. शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 100.21 रुपये बिक रहा है. वहीं डीजल के दाम 89.53 रुपये पर पहुंच गया है. मुंबई में पेट्रोल के दाम 106.25 और डीजल 97.09 रुपये हो गये हैं. देश में सबसे बड़ी ऑयल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के आंकड़ों के मुताबिक, तीन साल में मुंबई में पेट्रोल के दाम 25 फीसदी से अधिक बढ़े हैं. वहीं डीजल के दाम में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
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ईंधनों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण जरूरी सामान से लेकर छोटी-छोटी चीजों के दाम भी बढ़ गये हैं. हाल ही में अमूल ने भी अपने दुध के दामों में इजाफा किया था. इसी तरह से साबुन, तेल, ग्लास, टूथपेस्ट, किचन एंपलायंसेज और घरेलू उपकरण सबके दाम बढ़े हैं.
ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में 30 से 35 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
लॉकडाउन के बाद डीजल के दाम में औसतन 25 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके कारण ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में 30 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके कारण सब्जी, फल से लेकर सब कुछ महंगा हो रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, महीने भर में सब्जियां 40 फीसदी तक महंगी हो गयी हैं. आलू के दाम 15 रुपये से बढ़कर 25 रुपये हो गया है. वहीं टमाटर, करेला के दाम 30 रुपये से बढ़कर 40 रुपये तक हो गयी है. प्याज भी 30-40 रुपये बिक रहा है. इसी तरह दूसरी सब्जियों जैसे लौकी, भिंडी, बैगन के दाम भी बढ़ गये हैं.
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