Akshay /Pravin
Ranchi : झारखंड में बीजेपी के सबसे सीनियर लीडर बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. कहा है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार अपराधियों और नक्सलियों का समर्थन कर रही है. सरकार के विधायक नक्सलियों से अकेले मिलने जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास पुख्ता प्रमाण हैं. यदि जांच एजेंसी हमसे पूछे, तो वो तारीख समेत सभी जानकारियां देंगे.
हालांकि बाबूलाल मरांडी ने किसी विधायक या मंत्री का नाम नहीं लिया. बाबूलाल मरांडी के इस बयान के बाद झारखंड की राजनीति के पुराने पन्ने पलटे जा रहे हैं. बाबूलाल ने जिस तरह के आरोप हेमंत सरकार पर लगाया है. उस तरह के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. खुद बाबूलाल की सरकार में भी ऐसा हुआ है. ऐसे कई मामले हैं. जिसमें खुद नक्सलियों ने पुलिस को दिये बयान में राज्य के दिग्गज नेताओं से मदद लेने की बात की है. जानते हैं झारखंड में राजनेताओं और नक्सलियों की साठगांठ से जुड़े खास मामलों को.
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जब बाबूलाल ने अपने ही मंत्री पर लगाया था आरोप
बाबूलाल जब राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपनी ही कैबिनेट के एक मंत्री पर गंभीर आरोप लगाये. उस वक्त माओवादी जोनल कमांडर नथुनी मिस्त्री झारखंड पुलिस की गिरफ्त में आया था. इसके बाद बाबूलाल ने अपनी ही कैबिनेट के एक मंत्री पर आरोप लगाया था कि वह नथुनी मिस्त्री को छुड़ाने के लिए उनसे मिलने आये थे.
उन्होंने यहां तक कहा था कि मंत्री ने नक्सली की रिहाई के लिए मोटी रकम का भी ऑफर किया था. बाबूलाल मरांडी ने उस वक्त भी मंत्री का नाम उजागर नहीं किया था. लेकिन यह बात जगजाहिर हो चुकी थी कि वह मंत्री कौन थे.
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नक्सली ब्रजेश गंझू के भाई को बाबूलाल ने अपनी पार्टी से टिकट दिया
झारखंड का जाना-माना नक्सली ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल गंझू टीपीसी का सरगना है. उसके सिर पर 25 लाख का इनाम है. ब्रजेश गंझू एनआइए और झारखंड पुलिस के रडार पर है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई योजनाओं पर काम कर रही है. ब्रजेश का भाई गणेश गंझू 2014 में सिमरिया से विधायक बना. बाबूलाल मरांडी ने ही उन्हें जेवीएम की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया.
इतना ही नहीं, बाबूलाल पर जिला परिषद चुनाव में ब्रजेश गंझू की पत्नी ममता देवी को मदद करने का आरोप भी लग चुका है. पिछली बीजेपी सरकार के मुखिया रघुवर दास भी गणेश गंझू के आवास पर उनसे मिलने जा चुके हैं.
इंदर सिंह नामधारी और महेंद्र सिंह जैसे दिग्गजों पर लगा आरोप
झारखंड पुलिस ने 2003 में जगन सिंह भोक्ता को गिरफ्तार किया. पुलिस को दिये अपने बयान में नक्सली जगन सिंह भोक्ता ने जो कहा, वह काफी चौंकाने वाला था. जगन ने कहा कि उसे कई सारे नेताओं से नक्सली गतिविधि करने के लिए मदद मिलती है. जगन ने कहा था कि कॉमरेड महेंद्र सिंह (अब दिवंगत) से उसे मदद मिलती है. ज्ञानचंद पांडे उसे लेवी देते हैं.
वहीं गिरफ्तार नक्सली सूरज यादव ने पूर्व मंत्री मधु सिंह के बारे पुलिस को बताया कि वो चोरी-छिपे नक्सलियों को कारतूस देने का काम करते हैं. पलामू जिले के दिग्गज नेता गिरिनाथ सिंह और प्रवीण सिंह पर भी नक्सलियों को मदद करने की बात नक्सली सूरज यादव ने बतायी.
प्रवीण सिंह वही व्यक्ति हैं, जो बाबूलाल मरांडी के करीबी रहे. भाजपा के वक्त से. बाबूलाल ने जब भाजपा से अलग होकर जेवीएम बनाया, तब भी प्रवीण सिंह उनके साथ ही जेवीएम में आ गये. वह लंबे समय तक बाबूलाल के साथ रहे.
सबसे चौंकाने वाला बयान सूरज यादव ने यह दिया कि पलामू, चैनपुर और भंडरिया में नक्सली गतिविधियों में इंदर सिंह नामधारी की मदद मिलती है. इसके अलावा योगेंद्र साव के भी कई बार नक्सलियों से साठ-गांठ के सबूत मिले हैं.
हेलीकॉप्टर में कुछ उग्रवादियों के साथ घूमने का उनका फोटो भी वायरल हुआ. कामेश्वर बैठा नक्सली संगठन छोड़कर विधायक बने. वहीं बीजेपी में शामिल होकर विधायक बने भानू प्रताप सिंह पर भी कई बार नक्सलियों का साथ देने का आरोप लग चुका है.
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