Dhanbad: 2 फरवरी को बागडिगी खान दुर्घटना की 20वीं बरसी है. आपको बता दें कि यह घटना झरिया के लोदना क्षेत्र स्थित बागडिगी कोलियरी में घटी थी. साल 2001 में 2 फरवरी के दिन शुक्रवार को प्रथम पाली में 12 नंबर पिट के सिम नंबर 7 में लगभग 80 से 90 श्रमिक कार्य करने गये थे. दिन के लगभग 11 बजे अचानक हवा का तेज झोंका चानक के ऊपर उठा. हवा इतनी तेज थी कि चानक के ऊपर बैठे हुकमैन और मजदूरों में अफरा-तफरी मच गयी.
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डैम फटने से पूरी तरह डूब गयी थी खदान
उस दौरान हुकमैन ने मामले की जानकारी अपने वरीय अधिकारियों को दी थी. जानकारी मिलते ही अधिकारी चानक के समीप पहुंचे और मामले की छानबीन में जुट गए. थोड़ी ही देर में अधिकारियों को पता चल गया था कि चानक के अंदर डैम फट गया है. डैम के फटने से खदान पूरी तरह डूब चुका था. खदान के अंदर डैम फटने की खबर फैलते ही आसपास के लोगों की भीड़ अचानक इकठ्ठी हो गयी. जो श्रमिक खदान के अंदर कार्य करने गये थे, उनके परिजन जल्द रेस्क्यू की मांग करने लगे. और मौके पर हल्ला और हंगामा भी होने लगा.
अधिक पानी के कारण रेस्क्यू टीम को हो रही थी दिक्कतें
बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खदान में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू किया. खदान में पानी इतना अधिक था कि श्रमिकों के पास रेस्क्यू टीम का पहुंच पाना काफी मुश्किल था. इधर खदान में फंसे श्रमिकों के परिजनों का धैर्य भी जवाब दे रहा था. श्रमिक के परिजन और आसपास के लोग चानक पर हंगामा करने लगे थे.
घटना की जानकारी मिलते ही खाकी और खादी की फौज भी कोलियरी में पहुंची. घटना के 3 दिन बीत जाने के बाद जब खदान में फंसे श्रमिकों के बचने की संभावना खत्म हो गयी थी. ऐसे में श्रमिकों के परिजनों ने बीसीसीएल में अधिकारियों और जिला प्रशासन से शव निकालने की अपील की. अपील के बाद अधिकारियों ने खदान में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए मुंबई से गोताखोरों की टीम मंगायी. 5 फरवरी की रात गोताखोरों की टीम ने जयरामपुर 5 नंबर चानक से शव निकालना शुरू किया. शव की पहचान कैप लैंप के नंबर से की गयी थी. इस घटना में कुल 29 श्रमिकों की जल समाधी हुई थी.
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बड़ी खान दुर्घटनाओं की सूची में शामिल है यह दुर्घटना
वहीं घटना के 7 दिन बाद रेस्क्यू टीम ने मोहम्मद सलीम नाम की फिटर को खदान से जीवित निकाला था. बड़ी खान दुर्घटनाओं की सूची में बागडिगी कोलियरी दुर्घटना भी शामिल है. प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को बागडिगी शहीद स्मारक पर शहीद श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है.
बीसीसीएल के वरीय अधिकारी, शहीद श्रमिकों के परिजन और बागडिगी के श्रमिकों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. अभी भी इस दिन को याद कर सभी की आंखे नम हो जाती.
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