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Ranchi: दो जुलाई से मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन जारी है. इस दौरान शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के बीच वार्ता हुई है. इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने और पुलिस बहाली में आरक्षण देने पर सहमति बन गई है. एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया गया है कि नौ अगस्त से समाप्त हो रहा उनका अनुबंध एक साल के लिए और बढ़ाया जाएगा. उनके वेतन भत्ते में 20% की बढ़ोतरी की जा रही है. इसके अलावा झारखंड पुलिस में होने वाली बहाली में उन्हें आरक्षण दिया जाएगा. सरकार से वार्ता के बाद सहायक पुलिसकर्मियों का प्रतिनिधिमंडल वापस मोरहाबादी मैदान चला गया है. अब सहायक पुलिसकर्मियों को यह तय करना है कि वे सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर अपना आंदोलन समाप्त करेंगे या आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे. सहायक पुलिसकर्मी अब आपस में बातचीत कर रहे हैं, जिसके बाद ही वे सरकार को बताएंगे कि उनका आंदोलन समाप्त हो रहा है या नहीं.
सीएम आवास घेराव को निकले थे सहायक पुलिसकर्मी
शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे. इससे पहले सरकार की ओर से डीजीपी की अध्यक्षता में सहायक पुलिसकर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया गया था. झारखंड पुलिस के डीजीपी अजय कुमार सिंह, एडीजी मुख्यालय आरके मलिक, रांची डीसी समेत कई अन्य अधिकारियों के साथ सहायक पुलिसकर्मियों की वार्ता हुई. वार्ता में सरकार ने सहायक पुलिसकर्मियों के लिए संविदा बनाकर भर्ती में आरक्षण और वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है.
लंबे समय से आंदोलनरत हैं
सहायक पुलिसकर्मियों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि हमलोग लंबे समय से आंदोलनरत हैं. लेकिन सरकार के कान में अभी तक जू भी नहीं रेंग रही है. फिलहाल सभी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. इससे पहले सहायक पुलिस कर्मियों ने आठ जुलाई को विशेष सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था. सहायक पुलिस कर्मियों का कहना है रघुवर दास की सरकार के दौरान 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में विधि व्यवस्था दुरुस्त रखने में सहायता के लिए इन सहायक पुलिस की नियुक्ति हुई थी. तब उन्हें दस हजार रुपये मासिक दिया जाता था. सहायक पुलिसकर्मियों की मानें तो आज भी उन्हें दस हजार रुपये ही मिलता है.
नौकरी परमानेंट करने की मांग
मोरहाबादी मैदान में आंदोलन के लिए जुटे सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि वो लोग पिछले सात वर्षों से दस हजार रुपए के मासिक मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं. दस हजार रुपये में परिवार का पालन पोषण करना बेहद ही मुश्किल है. झारखंड में पुलिस जवानों की कमी है. उनकी मांग है, कि उनकी सेवा को पुलिस सेवा में समायोजित किया जाए. उन्होंने बताया कि सेवा को परमानेंट करने की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत कर रहे हैं. उनका कहना है कि अनुबंध के खत्म हो जाने के बाद उनके पास कुछ करने को नहीं बचेगा. पूर्व की सरकार ने आश्वासन दिया था कि तीन साल तक की ड्यूटी के बाद उन्हें परमानेंट कर दिया जाएगा. लेकिन इस संबंध में सरकार ने कोई प्रक्रिया नहीं शुरू की है इसलिए उनका आंदोलन जारी है.
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