Jamshedpur : भारत सरकार का राष्ट्रीय बचत कार्यालय की योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण स्वरोजगार को बढ़ावा मिलने की बजाए, इससे जुड़ने वालों की संख्या घट रही है. झारखंड बनने के बाद जमशेदपुर स्थित कार्यालय से अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) लेकर अभिकर्ता बने लोगों की संंख्या मात्र 501 रह गई है. इसमें आरडी (रेकरिंग डिपॉजिट) के लाइसेंसधारक 169 और एसएएस (स्टैंडराइज्ड, एजेंसी सिस्टम) के 332 अभिकर्ता बचे हैं. राष्ट्रीय बचत कार्यपालक पदाधिकारी धनंजय उरांव ने बताया कि सरकार की ओर से अभिकर्ताओं का कमीशन घटा देने से इसके प्रति लोगों की रूचि कम हुई है. हालांकि जितने लोगों ने अनुज्ञप्ति ली है. वे नियमित रुप से काम कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौर में काम प्रभावित हुआ है. आरडी की अनुज्ञप्ति जारी करने का प्राधिकार पत्र अभी उपलब्ध है. इसके कारण इसका लाइसेंस देने में दिक्कत नहीं है. लेकिन एसएएस (स्टैंडराइज्ड, एजेंसी सिस्टम) का प्राधिकार पत्र नागपुर से नहीं आने के कारण परेशानी हो रही है. इसकी किल्लत पूरे झारखंड में है. मुख्यालय से प्राधिकार पत्र की मांग की गई है.
स्वीकृत 7पद नहीं भरने से काम-काज प्रभावित
राष्ट्रीय बचत कार्यपालक पदाधिकारी धनंजय उरांव ने बताया कि जमशेदपुर कार्यालय के लिए सात पद स्वीकृत हैं, लेकिन कई वर्षों से पद नहीं भरे गए हैं. इस कारण कार्यालय काम के अलावे लोगों की जागरूकता प्रभावित होती है. यहां एक राष्ट्रीय बचत कार्यपालक पदाधिकारी के अलावे दो सहायक बचत पदाधिकारी, दो क्लर्क, एक चपरासी और एक चालक का पद स्वीकृत है. लेकिन अभी एक क्लर्क और एक चपरासी ही कार्यरत हैं. वाहन चालक अनुबंध पर रखा गया है. झारखंड में राष्ट्रीय बचत का 14 जिलों में कार्यालय है. इसमें पूर्वी सिंहभूम, रांची, बोकारो, गढ़वा, पलामू, गिरीडीह, गुमला, चाईबासा, कोडरमा, हजारीबाग, धनबाद, साहेबगंज, दुमका एवं देवघर शामिल है.