Ranchi: झारखंड के खान विभाग ने वेस्ट सिंहभूम के अजिताबुरू आयरन एंड मैंगनीज ब्लॉक की माइनिंग लीज देने के लिए टेंडर निकाला है. लेकिन जेएसएमडीसी के माइंनिग लीज का टेंडर पेपर खरीदने के बाद यह निविदा विवादों में आ गयी है. भाजपा के राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया है कि माइंस का टेंडर निकालने वाले विभाग का सचिव और टेंडर डालने वाले जेएसएमडीसी का एमडी दोनों के श्रीनिवासन हैं. यानी क्रेता और विक्रेता एक ही व्यक्ति है. ऐसे में टेंडर प्रक्रिया की निष्पक्षता संदिग्ध है. उन्होंने सीएम से नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है.
खान सचिव के साथ JSMDC के एमडी और चेयरमैन भी हैं श्रीनिवासन
दीपक प्रकाश ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इन खामियों की ओर उनका ध्यान दिलाया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में खान सचिव के श्रीनिवासन जेएसएमडीसी के प्रबंध निदेशक के प्रभार में हैं, निगम के अध्यक्ष का प्रभार भी श्रीनिवासन के पास ही है. सांसद ने कहा है कि ऐसी पदस्थापना से न सिर्फ कोर्ट के आदेशों की अवहेलना हुई है, तकनीकी खामियां भी सामने आयी हैं.
दीपक प्रकाश ने कहा कि खान विभाग द्वारा अधिसूचना संख्या 02/2021-22 से पश्चिम सिंहभूम जिला में अजिताबुरु खान ब्लॉक की नीलामी निविदा प्रकाशित की गयी है. इसके निविदा पत्र को झारखंड राज्य खनिज विकास निगम ने भी खरीदा है. इससे अभूतपूर्व स्थिति पैदा हो गयी है. क्योंकि एक ही व्यक्ति विभागीय सचिव के नाते निविदा प्रकाशित कराते हैं और वही बतौर निगम के प्रबंध निदेशक नीलामी प्रक्रिया में खान ब्लॉक आवंटन के लिए निविदा पत्र भी खरीदते हैं.
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निविदा पत्रों की गोपनीयता हो रही प्रभावित, निगरानी जांच हो
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इतना ही नहीं, निविदा पत्रों की गोपनीयता भी प्रभावित हो रही है. क्योंकि सचिव द्वारा अपने पद के प्रभाव से विभिन्न गोपनीय निविदा कागजातों का दुरुपयोग किये जाने की भी संभावना है. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों की निगरानी जांच कराने से सच्चाई उजागर होगी. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अजिताबुरु खान ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पर अविलंब रोक लगायी जाये.
जेएसएमडीसी में नियमित एमडी की नियुक्ति करे सरकार
दीपक प्रकाश ने कहा है कि जेएसएमडीसी के प्रबंध निदेशक पद पर खान सचिव का पदस्थापन हाईकोर्ट द्वारा 11 अक्टूबर 2007 को पारित आदेश के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि निगम के सफल संचालन के लिये कामचलाऊ नहीं बल्कि नियमित प्रबंध निदेशक का पदस्थापन होना चाहिए. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि जनहित में न्यायालय के निर्देश के आलोक में जेएसएमडीसी के प्रबंध निदेशक का पदस्थापन किया जाये.