LagatarDesk : पिछले कुछ दिनों से खबर आ रही थी कि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने वाली है. लेकिन तेल उत्पादक देशों के समूह OPEC और सहयोगी देशों ने उत्पादन में कटौती को अप्रैल तक बढ़ा दिया है. OPEC के इस फैसले से पेट्रोल-डीजल की कीमतें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं. ऐसे में यदि केंद्र और राज्य सरकार टैक्स नहीं घटाती हैं तो पेट्रोल की कीमतें और बढ़ सकती हैं. कुछ शहरों में पहले ही पेट्रोल 100 रुपये के पार चला गया है.
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उत्पादन में कटौती जारी रखने का फैसला
OPEC (Organization of the petroleum exporting countries) और उसके सहयोगी देशों ने तेल उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया. सभी देश अपने-अपने मौजूदा लेवल बरकरार रखने का फैसला किया. पेट्रोल-डीजल का डिमांड प्री-कोविड लेवल पर पहुंच गया है. इससे वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल दिखा.
ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत गुरुवार को 2.67 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 66.74 पर पहुंच गया. इससे पहले जनवरी 2020 में यह 67.75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था. अमेरिकी बाजार में भी गुरुवार को कच्चे तेल का वायदा भाव 64.70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा गया.
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सऊदी अरब नहीं बढ़ायेगा उत्पादन
सऊदी अरब ने भी उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया. OPEC देशों और रूस के नेतृत्व में OPEC के सहयोगी तेल उत्पादक देशों की ऑनलाइन मीटिंग में प्रोडक्शन में कटौती बरकरार रखने का फैसला लिया गया. दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक सऊदी अरब रोजाना 10 लाख बैरल की कटौती कम से कम अप्रैल तक जारी रखेगा. हालांकि रूस और कजाकिस्तान तेल का उत्पादन थोड़ा बढ़ा सकते हैं.
पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की लगातार हो रही मांग
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने OPEC और अन्य देशों से एक बार फिर कच्चे तेल के उत्पादन पर लागू प्रतिबंधों को खत्म करने का आग्रह किया. इसके साथ ही दाम स्थिर रखने के वादे को पूरा करने को कहा था. देश में लगातार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग हो रही है. इससे सरकार पहले से ही दबाव में है. SBI के अर्थशास्त्रियों के अनुसार, GST के दायरे में आने से पेट्रोल 75 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68 रुपये हो सकता है.
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कच्चे तेल 10 डॉलर प्रति बैरल हो सकते हैं महंगे
पिछले महीने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश ने कच्चे तेल की कीमतों में बढ़तोरी का अनुमान लगाया था. सैश के मुताबिक इस साल जुलाई तक कच्चे तेल की खपत प्री-कोविड स्तर को पार कर जायेगी. तेल उत्पादक समूह OPEC+ और ईरान की ओर से तेल उत्पादन में कटौती जारी है. ऐसी स्थिति में कच्चा तेल 10 डॉलर प्रति बैरल और महंगा हो सकता है. कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल भी महंगा हो सकता है.
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