Ranchi : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन में विपक्ष ने महाधिवक्ता को बर्खास्त करने और उन पर लगे आरोपों की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. 11.10 में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि महाधिवक्ता अपराधियों को मदद पहुंचा रहे हैं. उन्हें अविलंब बर्खास्त किया जाए. आरोपों की सीबीआई से जांच कराई जाए. गौरतलब है कि सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार और महाधिवक्ता के बीच बातचीत का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ है. इस बातचीत का ऑडियो ईडी ने अपनी चार्जशीट में दिया है. ऑडियो की बातचीत से साफ हुआ है कि महाधिवक्ता ने ईडी के अभियुक्त पंकज मिश्रा को मदद पहुंचाने में भूमिका निभाई है. मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा के विधायक वेल में पहुंच गये. हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच विधायक रामचंद्र सिंह ने पलामू प्रमंडल में हाथी और तेंदुआ का आतंक, इरफान अंसारी ने जामताड़ा में बिजली की समस्या का मामला सदन में उठाया. झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने रघुवर सरकार में मर्ज किये गये 5600 स्कूलों को मर्जर मुक्त करने की मांग की.
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सहारा इंडिया में झारखंडवासियों के डूबे पैसे वापस कराने के लिए बने विशेष समिति- लंबोदर
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने ध्यानाकर्षण सूचना के तहत सहारा इंडिया में झारखंड के लोगों के डूबे पैसे का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य के लाखों उपभोक्ताओं ने सहारा इंडिया में 500 अरब से ज्यादा का निवेश किया है. उनके विधानसभा क्षेत्र में कसमार के 5000 से ज्यादा लोगों ने 50 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है, वहीं पेटरवार प्रखंड के 5000 लोगों ने 60 करोड़ निवेश किया है. गोमिया प्रखंड के 8500 लोगों ने 274 करोड़ रुपया जमा कराए हैं. आंकड़ों के मुताबिक देशभर के 3 करोड़ निवेशकरों ने सहारा में 24 हजार करोड़ रुपये जमा कराए हैं, जिसमें से अबतक मात्र 5 हजार 120 करोड़ दावा करने वालों को मिले हैं. झारखंड सरकार राज्यवासियों के डूबे पैसे निकालने के लिए क्या प्रयास कर रही है.
झारखंड के 443 निवेशकों के मामले का निष्पादन हुआ है
इस पर जवाब देते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि जमाकर्ताओं के पैसे को लेकर सरकार चिंतित है. सहारा इंडिया और सेबी से लगातार पत्राचार किया जा रहा है. सहारा इंडिया का मामला राज्य सरकार के अधीन नहीं आता है. इसका रेगुलेशन विभिन्न नियामक संस्थाओं के द्वारा किया जाता है, जो भारत सरकार के अधीन संचालित हैं. 19649 दावाकर्ताओं का आवेदन सेबी को प्राप्त हुआ था, जिसमें से 17426 दावों का निष्पादन हो चुका है. इनमें से 443 झारखंड के भी निवेशक शामिल हैं, जिन्हें पैसा वापस मिला है.
विशेष समिति में सुब्रत राय को पेश किया जाए- लंबोदर
मंत्री के जवाब के बाद लंबोदर महतो ने कहा कि सहारा इंडिया का मामला बेहद ही गंभीर है. सहारा ने गरीब, मजदूर और निम्न मध्यवर्गीय परिवार का पैसा हड़पा है. इसकी गंभीरता को देखते हुए विधानसभा की एक विशेष कमिटी बनायी जाए और सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय को उस कमेटी के सामने पेश किया जाए.
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आचरण के बारे में मुझे बाउरी जी से सीखने की जरूरत नहीं : मिथिलेश ठाकुर
विधानसभा में मंत्री मिथिलेश ठाकुर और भाजपा विधायक अमर बाउरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. मंत्री ने कहा कि विधायक अमर बाउरी गलतफहमी में न रहें. मंत्री का आचरण कैसा हो, ये हम उनसे सीखने लगे तो सबको पता है हमलोग क्या सीखेंगे. ये बहस अमर बाउरी के जल संसाधन विभाग से पूछे गए सवाल के बाद शुरू हुई. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट अमर बाउरी ने स्पीकर से कहा कि सरकार को डांटिये. जिस पर जवाब देने के लिए खड़े हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आप गलतफहमी में ना रहें कि सिर्फ आपको ही जानकारी है. अमर बाउरी ने जल संसाधन विभाग से सवाल पूछा था कि क्या सरकार चास प्रखंड के केलिया डाबर में 10 एकड़ से अधिक में फैले लोतन बांध का जीर्णोद्धार कराना चाहती है. इसका जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा था कि सवाल पूछने से पहले आप जान लें कि वह बांध नहीं है, नहर है और जल संसाधन विभाग में नहर नहीं आता है. इसी को लेकर दोनों में नोंकझोंक शुरू हो गई.
केंद्र के पास 64 करोड़ बकाया के कारण पीडीएस डीलरों को नहीं मिल रहा कमीशन, मंत्री बोले- तीन महीने में होगा भुगतान
प्रश्नकाल के दौरान सदन में आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सवाल किया कि राज्य की जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को 16 महीने से कमीशन की राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके कारण उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द कमीशन का भुगतान करने की मांग की.
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कोई बकाया नहीं
सरकार की ओर से जवाब में प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों को एक रुपये प्रति किलो की दर से जन वितरण प्रणाली की दुकानों से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है. डीलरों को यह एक रुपया कमीशन के रूप में जाता है. इस योजना में डीलर का कोई कमीशन बकाया नहीं है.
गरीब कल्याण योजना में 64.46 करोड़ केंद्रांश बकाया
वहीं कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाई गई. इस योजना के तहत राज्य सरकार को केंद्र से चार महीने का 90 करोड़ 87 लाख रुपये राशि प्राप्त हुआ है, जिससे डीलर कमीशन की राशि भुगतान करने का निर्देश 18 अक्टूबर 2022 को ही विभाग को आदेश दिया गया है, लेकिन अभी भी 64 करोड़ 46 लाख रुपया केंद्र सरकार के पास बकाया है. यह पैसा आते ही डीलरों को कमीशन उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने 3 महीने के अंदर बची हुई राशि का भुगतान करने की बात कही.
जनवरी के प्रथम सप्ताह तक आंगनबाड़ी केंद्रों में राशि का आवंटन कर दिया जाएगा- जोबा
विधानसभा में झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने आंगनबाड़ी केंद्रों को राशि नहीं मिलने का मामला उठाया. उन्होंने कहा की पश्चिमी सिंहभूम जिले में पोषाहार राशि नहीं मिलने से 2330 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े 50 हजार से अधिक बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं को पोषाहार बंद हो गया है. इसपर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि केंद्र से राशि नहीं मिली है. केंद्रांश के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. आते ही राशि उपलब्ध करा दी जाएगी. इस पर स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदस्य का सवाल काफी गंभीर है. अगर केंद्रांश नहीं मिल रहा तो राज्य अपनी तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था करे, ताकी बच्चों को परेशानी न हो. जवाब में मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के प्रथम सप्ताह मं राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.
सदन में आश्वासन के बावजूद नहीं होता काम- अंबा
विधानसभा में सत्ता पक्ष की विधायक अंबा प्रसाद ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. अंबा ने तारांकित प्रश्न के तहत बड़कागांव और केरेडारी प्रखंड की बिजली आपूर्ति को लेकर सवाल पूछा था., जो जवाब मिला था उससे अंबा संतुष्ट नहीं थीं. उन्होंने कहा कि स्पीकर महोदर सदन में आश्वासन मिलने के बाद भी काम नहीं होता है. सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता ने जल्द फीडर निर्माण करने का आश्वासन दिया.
नदियों का अस्तित्व बचाने के लिए बने कमेटी- भानु
सदन में भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने राज्य में नदियों के अतिक्रमण का मामला उठाया. कहा कि नदियों के अतिक्रमण से राज्य की अधिकांश नदियों का अस्तित्व खतरे में है. सिर्फ गढ़वा जिला के भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे जल स्त्रोत हैं जैसे पांडा नदी, डोमनी नदी, धोबनी नदी समेत आधे दर्जन से ज्यादा नदियों का अस्तित्व खतरे में है. नदियों को बचाने के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कमिटी बनाई जाए. साथ ही प्रत्येक जिले में जल संरक्षण के लिए नीति बने. इसके जवाब में मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि पूरे राज्य में जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में कमिटी काम कर रही है. इसलिए अलग से कमिटी बनाने का कोई औचित्य नहीं है.
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