Pankaj chaturvedi
नफरत, हिंसा और औरतों की बेइज्जती!!गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बेइज्जती करवा रहा है. वह तो दिल्ली दंगों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने वाली फातिमा खान को लेकर एडिटर गिल्ड और दिल्ली महिला आयोग सक्रिय हो गये, वरना नफरती गिरोह ने सायबर क्राइम का नया घिनौना काम कर दिया था.
बीते रविवार को ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म पर सुल्ली डील नाम का एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया गया. इस एप्लीकेशन में सोशल मीडिया से कई मुस्लिम महिलाओं की फोटोज को उठाया गया और उन्हें मोबाइल एप्लीकेशन पर अपलोड किया गया. इस एप्लीकेशन में इन सभी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों, उनके नाम और उनके ट्विटर हैन्डल की जानकारी दी गई थी.
एप्लीकेशन में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद इन महिलाओं की सारी जानकारी क्लिक करने वाले यूजर के साथ साझा की जा रही थी. यह भी कहा जा रहा है कि अपनी फोटो वायरल होने के बाद की महिलाओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म छोड़ना पड़ा. यहां इन महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. एप खोलने पर “सुल्ली फॉर सेल” का आप्शन दिखता था उसे खोलते ही महिलाओं की तस्वीरें व उनकी निजी जानकारी सार्वजनिक हो जाती थी. हैरानी की बात है कि महिलाओं की फोटो के साथ उसकी कीमत भी लिख हुआ होता था.
एप पर मुस्लिम महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, कलाकारों और शोधार्थियों को निशाना बनाया गया था. विदित हो सुल्ली शब्द मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाला गढ़ा हुआ और अपमानजनक शब्द है. हिन्दी भाषी क्षेत्रों में इस गलत शब्द का इस्तेमाल होता है.
14 जून को इस एप को शुरू किया गया. सबसे ज़्यादा गतिविधि 4-5 जुलाई के बीच हुई. ये एक ओपन सोर्स कम्युनिटी एप था, जिसे सॉफ्टवेयर कोडिंग प्रोवइडर प्लेटफॉर्म गिटहब पर बनाया गया था. शिकायत के बाद गिटहब ने एप को डिलीट कर दिया है, लेकिन उसे बनाने वाले के सोर्स की जानकारी नहीं दी है.
(डिस्क्लेमर – ये लेखक के अपने विचार हैं और यह लेख उनके फेसबुक वॉल से लिया गया है.)