Simdega: इंसान अपने हाथों की लकीरों को खुद ही नहीं समझ सकता है. कभी अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझना मुझे मालूम है कि क़िस्मत का लिखा भी बदलता है. बशीर बद्र की ये पंक्तियां जैसे सिमडेगा की अनन्या पर हीं शायद लिखा गया है. अनन्या पैदा होते ही अनाथ हो गयी थी और मतरामेटा सहयोग विलेज में विशेष दतक की देखरेख में पल रही थी. लेकिन आज उसकी हाथों की लकीरें बदली और अनन्या अनाथ से सनाथ बन गयी. सिमडेगा की अनन्या अब अनाथ नहीं रही. उसे अमेरिकन दंपती अपने साथ ले गये. शनिवार को पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत अमेरिका के पेन्सिलवेनिया प्रांत में रहने वाले एनआरआई दंपती हरविंदर सिंह एवं सुजीत कौर ने अनाथ अनन्या को गोद लिया. पीडीजे कुमार कमल ने अनन्या को इन एनआरआई दंपती को सौंपा.
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अनन्या को अमेरिका में मिलेगी बेहतर परवरिश
22 महीने की अनन्या अब सिमडेगा के सहयोग विलेज से निकल कर सीधे अमेरिका की उड़ान भरेगी. अनन्या को अमेरिका में बेहतर परवरिश मिल सकेगी. 22 महीने की अनन्या को गोद लेने के बाद निसंतान एनआरआई दंपती भी भावविभोर हो गये. दोनों ने मासूम अनन्या को गले से लगा लिया. गौरतलब है कि अनन्या मतरामेटा स्थित सहयोग विलेज में विशेष दत्तक एजेंसी की छांव में पल रही थी. इसी क्रम में उक्त दंपती ने बच्ची को गोद लेने की अपना इच्छा दिखाते हुए सिमडेगा सेंटर से संपर्क किया. इसके बाद उन्होंने बच्ची को गोद लेने के लिए गत 5 जनवरी को कोर्ट में वाद दाखिल किया. जिसका निस्तारण करते हुए पीडीजे कुमार कमल सहयोग विलेज मतरामेटा के माध्यम से बच्ची को गोद दिया.
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इसे ही कहते हैं किस्मत का पलटना
कहते हैं ना कि किस्मत पंख लगाकर उड़ती है. आज यही अनन्या के साथ हुआ और अनन्या अनाथ आश्रम की छांव से अमेरिका मे माता पिता की गोद मिल गयी. वहीं निसंतान दंपत्ती को उनके जीने का एक कारण मिल गया. शायद इसे ही किस्मत का पलटना कहते हैं.
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