Advertisement

तो क्या फिर राहुल संभालेंगे कांग्रेस की बागडोर ?

New Delhi: कांग्रेस संगठन में नेतृत्व पर एक बार फिर से घमासान हो रहा है. इस अंदरूनी घमासान को रोकने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को अहम बैठक बुलायी थी. लेकिन इस पर अभी भी कोई समाधान नहीं निकला है. पार्टी हाईकमान ने कांग्रेस की दशा-दिशा सुधारने के लिए चिंतन शिविर बुलाने जैसे सुझावों को तत्काल मान लिया. मगर असंतुष्ट जी-23 गुट के नेता कांग्रेस संसदीय बोर्ड के गठन से लेकर पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की अपनी बात पर अब भी अडिग हैं. इसे भी पढ़ें-  नीलांबर-पीतांबर">https://lagatar.in/inauguration-of-virtual-classroom-at-nilambar-pitambar-university/11002/">नीलांबर-पीतांबर

विश्वविद्यालय में वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन

राहुल गांधी फिर बन सकते हैं अध्यक्ष

जानकारी के अनुसार नेतृत्व के करीबी नेताओं ने राहुल गांधी को दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की पैरोकारी की. इस बात पर कई नेताओं ने तालियां बजाईं तो कई मौन रहे. लेकिन किसी ने भी इस पर एतराज नहीं जताया. पार्टी हाईकमान और असंतुष्ट खेमे के बीच इस पर सहमति जरूर बनी कि कांग्रेस के मौजूदा संकट के समाधान के लिए बातचीत का यह दौर आगे जारी रहेगा.

इसे भी पढ़ें- अनाथ">https://lagatar.in/orphan-ananya-gets-parents-now-to-fly-to-america/10982/">अनाथ

अनन्या को मिले मां-बाप, अब भरेगी  अमेरिका के लिए उड़ान

पांच घंटे की लंबी बैठक के बाद भी नहीं बन सकी सहमति

नेतृत्व को लेकर लंबे समय से जारी असमंजस के साथ कांग्रेस कमजोर होती नजर आ रही है. जमीन पर असंतुष्ट गुट के नेताओं के पत्र विवाद के बाद दस जनपथ में सोनिया गांधी ने पहली बार इन नेताओं के साथ पांच घंटे की लंबी बैठक की. इसमें जी-23 के नेताओं के साथ हाईकमान के कुछ करीबी नेता, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद थीं. सूत्रों के अनुसार, बैठक में असंतुष्ट खेमे की अगुआई कर रहे गुलाम नबी आजाद ने आखिर में कहा कि बेशक पत्र में उठाए गए मुद्दों पर चर्चा शुरू हुई मगर उनका समाधान निकलना बाकी है. इसे भी पढ़ें- ‘केंद्र">https://lagatar.in/conspiracy-to-defame-cm-hemant-at-the-behest-of-the-center/10996/">‘केंद्र

के इशारे पर सीएम हेमंत को बदनाम करने की हो रही साजिश’

राहुल बोले, वरिष्ठ नेताओं की है अहमियत

वरिष्ठ नेताओं के साथ रिश्तों को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं का कांग्रेस में अहम महत्व है और वह उनका पूरा सम्मान करते हैं. खासकर इनमें से कई वरिष्ठ नेता उनके पिता राजीव गांधी के दोस्त रहे हैं. वहीं, अंबिका सोनी ने कहा कि राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष पद सौंप दिया जाना चाहिए. राजस्थान के मुख्यमंत्री व दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने इससे सहमति जताई तब अजय माकन, पवन बंसल, एके एंटनी, भक्त चरण दास सरीखे हाईकमान के करीबी नेताओं ने तालियां बजाईं, जबकि असंतुष्ट खेमे के नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखायी. इसे भी पढ़ें-  क्रिसमस">https://lagatar.in/christmas-special-these-children-cannot-see-themselves-but-will-show-their-skills-to-the-world/10881/">क्रिसमस

स्पेशल: ये बच्चे खुद देख नहीं पाते, लेकिन दुनिया को दिखायेंगे अपना हुनर