NewDelhi : देश के हाई कोर्टों के जजों के निर्धारित 1,080 पदों में से 416 खाली होने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. चिदंबरम ने हाई कोर्ट में जजों और ट्रिब्यूनल के प्रमुखों के पद खाली होने को लेकर शनिवार को सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार इन रिक्तियों को नहीं भर पा रही है. आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपनी विचारधारा के साथ लगाव रखने वाले लोगों की तलाश कर रही है.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्वीकृत 1080 पदों में से 416 रिक्त हैं।
न्यायाधिकरणों में बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं।
कई न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष के पद रिक्त हैं! इनमें डीआरटी, एनसीएलएटी, टीडीसैट आदि शामिल हैं।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 7, 2021
7 साल से सत्ता पर काबिज श्री मोदी की सरकार इन रिक्तियों को भरने में सक्षम या इच्छुक क्यों नहीं है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 7, 2021
देश में इन रिक्तियों को भरने के लिए योग्य वकीलों और न्यायाधीशों की कमी नहीं है।
असल कारण यह है कि सरकार ऐसे लोगों की तलाश में है जो इसके प्रतिगामी दर्शन और विचारधारा के प्रति सहानुभूति रखेंगे।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 7, 2021
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सुप्रीम कोर्ट में इस समय जजों के आठ पद खाली
इस क्रम में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया कि हाई कोर्ट के जजों के निर्धारित 1,080 पदों में 416 खाली हैं. न्यायाधिकरणों में बड़ी संख्या में जगह खाली हैं. कई ट्रिब्यूनल के प्रमुख के पद खाली हैं. केंद्रीय कानून मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में इस समय जजों के आठ पद खाली हैं, दो जज जल्द ही रिटायर होने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट में 34 लोगों के काम करने की मंजूरी है. मौजूदा स्थिति में 26 लोग ही काम कर रहे हैं.
पी चिदंबरम ने सवाल दागा कि मोदी सरकार सात साल से सत्ता में होने के बावजूद इन रिक्तियों को भर क्यों नहीं पा रही है या फिर इन रिक्तियों को भरने का इरादा क्यों नहीं कर रही है? चिदंबरम के अनुसार असली कारण यह है कि सरकार ऐसे लोगों की तलाश में है जो उनकी सोच और विचारधारा से लगाव रखते होंगे.
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कई हाई कोर्टों में 2020 के बाद से न्यायिक नियुक्ति नहीं हुई
जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कॉलेजियम की सिफारिशों पर बड़ी संख्या में खाली पदों को भरने की बात कही है. भारत के पूर्व सीजीआई इस मामले को लेकर कई बार अपनी बात कह चुके है. शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल में खाली पड़े पदों को लेकर सरकार का ध्यान दिलाया था. जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट और कई हाई कोर्टों में 2020 के बाद से कोई न्यायिक नियुक्ति नहीं की गयी है.
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस साल के शुरू में टिप्पणी की थी कि देश भर के हाई कोर्ट में रिक्तियों के कारण संकट की स्थिति पैदा हो गयी है. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन वी. लोकुर ने हाल ही में इस विषय पर लेख लिखकर चिंता जताई थी कि यदि तुरंत पद नहीं भरे गये तो ज्यूडिशरी में समस्याओं को ठीक करने में बहुत देर हो सकती है.बता दें कि कांग्रेस अक्सर संस्थानों से ऐसे लोगों को रखे जाने का आरोप लगाती रही है जिनके विचार आरएसएस-भाजपा से मिलते हैं.