Ranchi : आड्रे हाउस में आयोजित तीन दिवसीय जनजातीय समुदाय के चित्रकारों की पेंटिंग्स और चित्रकला प्रदर्शनी सोमवार संपन्न हुई. लोगों ने इसे खूब सराहा. जनजातीय समुदाय के इन्हीं जीवन मूल्यों एवं कला की विशिष्टता से प्रेरित होकर डॉ रामदयाल मुंडा शोध संस्थान ने देश भर के जनजातीय एवं लोक चित्रकारों को इस तीन दिवसीय शिविर में एकत्रित कर दूसरी बार इसे मूर्त रूप प्रदान किया. लोहरदगा की अनिता मिंज की दो चित्रकारी प्रदर्शनी में लगाई गई थी. पहली चित्रकारी में संथाल समाज की लुप्त हो रही नृत्य को प्रदर्शित किया गया था. दूसरी चित्रकारी में झारखंड में मेहमान को पैर धुलवाने की परंपरा को पेंटिग्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था. भगवान बिरसा मुंडा की जीवन गाथा की 30-35 पेंटिंग्स लगायी गयी थीं. इनमें पहाड़ों के बीच स्थित वृक्ष के नीचे अराधना करते हुए, अंग्रेजो द्वारा भगवान बिरसा मुंडा को प्रताड़ित करते हुए, तीर -धनुष का उपयोग करते हुए के साथ ही उलगुलान के वीर गाथा को बारीकी से समझाया गया था.
इसे भी पढ़ें – गढ़वाः ढाबे में घुसी अनियंत्रित थार जीप, एक की मौत, तीन घायल