Islamabad : पाकिस्तानी सेना के एक जनरल ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान में बलूच स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने में चीन की भूमिका है. उन्होंने कहा कि बीजिंग ने उसे बलूच लोगों के स्वतंत्रता संघर्ष को समाप्त करने के लिए छह महीने का समय दिया है.
बता दें कि बांग्लादेशी समाचार पत्र द डेली सन’ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पाक सेना के जनरल ने कहा है कि चीन ने बलूच आंदोलन को कुचलने के लिए उसे यहां तैनात किया है और छह महीने का काम दिया है. इसके साथ ही ईरान को पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन करार देते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अयमान बिलाल ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ईरान के अंदर जायेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
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जनरल अयमान बिलाल ने माना कि चीन ने बड़ी राशि का भुगतान किया
प्रमुख जनरल अयमान बिलाल ने माना कि चीन ने उसे वेतन और बड़ी राशि का भुगतान किया है. उसे आधिकारिक तौर पर अपने क्षेत्रीय हितों के लिए और चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के खिलाफ ईरान की साजिशों को विफल करने तहित इस क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए तैनात किया गया है.
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ग्वादर बंदरगाह चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से जोड़ता है
बता दें कि CPEC पाकिस्तान के दक्षिणी ग्वादर बंदरगाह (626 किलोमीटर, कराची से 389 मील पश्चिम) को अरब सागर में चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से जोड़ता है. इसमें चीन और मध्य पूर्व के बीच संपर्क को बेहतर बनाने के लिए सड़क, रेल और तेल पाइपलाइन लिंक बनाने की योजना भी शामिल है.
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बलूच अलगाववादियों ने कराची शहर में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था
बलूच अलगाववादी, आतंकवादी और राजनीतिक समूह, दोनों प्रांत में चीन की बढ़ती भागीदारी का विरोध करते हैं. पाकिस्तान में बलूच अलगाववादियों द्वारा किये गये घातक हमलों में एक उछाल ने चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट्स के जोखिम और लागत को बढ़ा दिया है.
उन्होंने चीन के श्रमिकों और अधिकारियों पर कई हमले भी किये हैं. नवंबर 2018 में, बलूच अलगाववादियों ने पाकिस्तान के दक्षिणी कराची शहर में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था.
मेजर जेनरा अयमान बिलाल ने कहा कि बलूच आंदोलन की समाप्ति और CPEC की सफलता पाकिस्तान और चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, हमारे पास इस कार्य के लिए अच्छी राशि है. हम बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए ईरान का इंतजार नहीं कर सकते. वे CPEC के खिलाफ हैं और दोस्ती के नाम पर हमारे पेट में छुरा घोंपते हैं.
बलूचिस्तान गरीबी के दलदल में है
जान लें कि इस्लामाबाद की कई विकास परियोजनाओं के बावजूद बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे गरीब और सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. विद्रोही समूहों ने दशकों से प्रांत में एक अलगाववादी विद्रोह को भड़काया है. उनकी शिकायत है कि इस्लामाबाद और पंजाब प्रांत में केंद्र सरकार उनके संसाधनों का गलत तरीके से शोषण करती है इस्लामाबाद ने 2005 में इस इलाकें में सैन्य अभियान शुरू किया था.