Palamu : पलामू जिले के हुसैनाबाद में हुसैनाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष शशि कुमार एक बार फिर से विवादों में घिरते नज़र आ रहे हैं. बता दे कि 1 वर्ष पूर्व सुशील कुमार के कार्यपालक पदाधिकारी पद पर रहते हुए इन्होंने 81 लाख रुपयों की फ़र्ज़ी निकासी की थी. वहीं एक बार फिर लाखों के हेर-फेर में नगर पंचायत अध्यक्ष घिरते नज़र आ रहे हैं.
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शिकायतकर्ता ने पत्र लिखकर की जांच की मांग
इस संदर्भ में हुसैनाबाद के ग्राम खलीलपुर उर्फ़ टिकरी निवासी बलिराम सिंह ने कार्यपालक दंडाधिकारी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने हुसैनाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष शशि कुमार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में नगर पंचायत विकास मद में प्राप्त आबंटन अंतर्गत अनियमितता के रूप में की गई निकासी की जाँच और कार्रवाई करने की मांग की है.
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परिवार सहित सरकारी राशि लूटने में लगे है
उन्होंने लिखा है कि हुसैनाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष माननीय शशि कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने सगे भाई अजय कुमार के नाम पर कार्य आबंटित कर यह सिद्ध कर दिया है कि वे परिवार सहित सरकारी राशि को लूटने में लगे हुए हैं. उनके भाई अजय कुमार द्वारा टैंकर के द्वारा जलापूर्ति करने में 7.50 लाख रुपयों का ग़बन, स्टेशन रोड में शौचालय संचालन एवं रख-रखाव आबंटित करना एवं देवरी पंप हाउस में मोटर सप्लाई में 5.50 लाख रुपयों की राशि का काम करवाना आदि शामिल है.
शिकायकर्ता ने अधिकारियों से की जांच की मांग
यह सब नगर पंचायत अध्यक्ष के अयोग्य कार्य एवं कार्यकाल को साबित करता है. शिक़ायतकर्त्ता बलिराम सिंह ने इसकी जाँच प्रतिलिपि हुसैनाबाद अनुमंडल पदाधिकारी, पलामू उपायुक्त एवं मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार से करने की मांग की है. जब इस मामले को लेकर हुसैनाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष शशि कुमार से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद बताया.
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शिकायकर्ता के आवेदन के आधार पर हो रही जांच
जबकि इस संदर्भ में पूछे जाने पर हुसैनाबाद अनुमंडल पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने बताया कि शिक़ायतकर्त्ता के आवेदन के आधार पर जाँच की जा रही है. जांच का रिपोर्ट आने पर उचित विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वाकई में हुसैनाबाद नगर पंचायत के जनप्रतिनिधिगण भ्रष्टाचार में डुबकी लगा रहे हैं.
बेटे के नाम पर किये कई काम
अगर नहीं तो इससे पहले भी नगर पंचायत अध्यक्ष शशि कुमार, नगर पंचायत उपाध्यक्ष गयासुद्दीन सिद्दीकी एवं अन्य कई वार्ड पार्षद पर भी भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग चुके हैं. इसके पूर्व भी नगर पंचायत अध्यक्ष ने अपने छोटे भाई के द्वारा लाखों रुपयों के सीसीटीवी कैमरा लगवाने का कार्य किया था. जो कि आज तक नाक़ामयाब ही साबित हुआ, वहीं नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने आम जनता की आँखों में धूल झोंक कर अंबेडकर चौक पर अपने पुत्र के नाम से दुकान आबंटित करवा लिया है, जिसे अभी तक रद्द नहीं किया जा सका है. अब ऐसे में हम ऐसे जनप्रतिनिधियों से विकास की परिकल्पना भी कैसे कर सकते है.
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