Palamu: पलामू जिले के नावाबाजार प्रखंड में 14वें वित्त अनुदान मद से लगाई गई जलमीनार में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है. मुखिया, पंचायत सचिव और सप्लायर तीनों की मिलीभगत से एक बड़ी राशि की बंदरबांट की गई है. जिसकी शिकायत भी समय समय पर प्रखंड और जिलाधिकारियों से की जाती रही है. लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उल्टे बीडीओ पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव के संरक्षक बने रहे हैं. जानकारी के अनुसार 14वें वित्त अनुदान मद से पंचायतों में सौर ऊर्जा आधारित जल मीनार का लगाया जाना था. पंचायतों को प्राप्त 14वें. वित्त अनुदान मद की राशि से वित्तीय वर्ष 2018-19 में जल मीनार लगाने के लिए किसी भी प्रकार का आदेश जिला और राज्य सरकार की ओर से नहीं दिया गया. फिर भी ढाई लाख प्रति जल मीनार की राशि बंदरबांट कर ली गई. इसी बंदरबांट के लिए पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पंचायतों में कई जलमीनारों को लगवाया है. जिला और राज्य सरकार से कार्यादेश नहीं मिलने का हवाला देते हुए तीन वर्ष बितने के बाद भी मापी पुस्तिका का न संधारण हुआ और ना ही कनीय अभियंता ने इस कार्य में तनिक भी रुचि दिखाई. जबकि प्रत्येक पंचायतों में लगभग 8-10 जलमीनार का लगाया गया है.
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जलमीनार लगाने के काम में भारी अनियमितता उजागर
वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी 14वें वित्त वित्त अनुदान मद से सौर ऊर्जा आधारित जलमीनार लगाया गया. जिसके लिए 3,84,000 रुपये राशि तय की गई. लेकिन कहीं भी जलमीनार का निर्माण कार्य मॉडल ऐस्टीमेट के अनुसार नहीं कराया गया. जलमीनार के लिए सोलर पंप सेंसर युक्त लगाया जाना है, जो स्वचालित और बंद हो. लेकिन सेंसर युक्त पंपिंग सेट कहीं भी नहीं लगाये गये. इतना ही नहीं स्टेजिंग फाउंडेशन के लिए डेढ़ मीटर की गहराई निर्धारित है, जिसके लिए 27 हजार 3 सौ 94 रुपए एस्टीमेट में है. लेकिन फाउंडेशन महज डेढ़ फीट की गई है. जलमीनार के आसपास 5 बाई 6 फीट का प्लेटफार्म भी बनाया जाना है. इसके लिए साढ़े तीन फीट हाइट ईंट का मेसोनरी पोस्ट तैयार करना है. जिसके चारों ओर नल लगाये जाने हैं. लेकिन ऐसा कहीं भी नहीं किया गया है. साथ ही लगाए गये जलमीनार की 5 सालों तक देख-रेख और मेंटेनेंस के लिए 64 हजार 3 सौ 83 रूपये एसस्टीमेट में ही शामिल हैं. लेकिन मुखिया और पंचायत सचिव मेंटेनेंस की राशि भी खर्च कर दिए. खराब होते जलमीनार के मरम्मत कराने की राशि पंचायत के पास नहीं है. कई जलमीनार प्रखंड क्षेत्र में खराब भी पड़े है. जिसकी मरम्मत कराने की राशि पंचायत के पास नहीं है. नतीजतन 15वें वित्त की प्राप्त राशि का खर्च जलमीनार की मरम्मत आदि कार्य में किए जा रहे हैं.
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14वें वित्त का हिसाब दिखाकर निकाली 15वें वित्त की राशि
पलामू के नावाबाजार प्रखंड स्थिति तुकबेरा पंचायत क्षेत्र के तुकबेरा हाई स्कूल परिसर में वित्तीय वर्ष 2019-20 में सौर ऊर्जा आधारित जलमीनार लगाया गया. जिसपर मॉडल स्टीमेट 3 लाख 84 हजार रुपये खर्च किए गए. आश्चर्य तो यह है कि, कागजों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी तुकबेरा हाई स्कूल में सौर ऊर्जा आधारित जलमीनार लगाया जाना दिखाया गया है. इतना ही नहीं इस पर 2 लाख 49 हजार रुपये खर्च भी दिखाए गए हैं. साथ ही राशि की भी निकासी कर ली गई. जो मुखिया और पंचायत सचिव की मिलीभगत से एक बड़ी राशि की हेराफेरी की गई. इसकी शिकायत प्रखंड कार्यालय में की गई. लेकिन कोई कार्रवाई अबतक नहीं की गई है. ऐसे में सभी लोगों की भूमिका संदिग्ध दिख रही है.
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आरटीआई कार्यकर्ता जुगेश महतो उपायुक्त से करेंगे शिकायत
नावाबाजार प्रखंड के खोखमा गांव निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जुगेश महतो पंचायत में बरती जा रही अनियमितता को लेकर, सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी थी. जिसमें सूचना उपलब्ध कराने के बदले पंचायत सचिव और बीडीओ को ओर से अधिक पैसों की मांग की गई. यह सब कर जुगेश को मानसिक रुप से प्रताड़ित किया गया. पंचायत की व्यवस्था और अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर अब जुगेश महतो पलामू उपायुक्त और उप विकास आयुक्त से शिकायत करने का निर्णय लिया है. जुगेश ने कहा कि, वे मुखिया के पूर्व प्रत्याशी भी रहे हैं. पंचायत में हो रहे गलत कार्यों का उनके द्वारा विरोध किया जाता रहा है. जो पंचायत और प्रखंड कार्यालय को नहीं भा रहा है. ऐसे में उन्हें मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
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