100 करोड़ रूपये से ऊपर हुआ दायरा
पिछले कुछ सालों की बात करें तो पोस्ते की खेती का दायरा लाखों से बढ़ कर 100 करोड़ से भी अधिक हो गया है. पोस्ता से अफीम तैयार करने वाले तस्करों का नेटवर्क बिहार, यूपी, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों तक फैल चुका है. अब इस पोस्ता की खेती के साइड इफेक्ट नजर आने लगे हैं. पोस्ता की खेती के आरोप में अभी तक करीब 500 से अधिक ग्रामीण जेल जा चुके हैं, जबकि पलामू के विभिन्न थानों में 200 से भी अधिक एफआईआर दर्ज किए गए हैं. हालांकि इस साल पोस्ता की खेती में कुछ कमी आई है. मिली जानकारी के अनुसार, यूपी, बिहार, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा और पंजाब से महंगी गाड़ियों से ब्रोकर अफीम खरीदने आते हैं. पहले तो अपने पैसे देकर पोस्ते की खेती करवाते हैं. फिर अफीम तैयार होने के बाद वे लोग आकर खरीद कर बाहर ले जाते हैं.alt="" width="600" height="400" />
ग्रामीणों को धमका कर पोस्ते की खेती करवाते हैं अफीम तस्कर
अफीम तस्कर ग्रामीणों को डरा धमका कर फसल तैयार करवाते हैं. फसल तैयार होने के बाद अफीम के फल में ब्लेड से चीरा लगाते हैं. उस फल से दूध जैसा निकलता है, उस दूध को दही जैसा जमा कर बनाया जाता है. फिर उसे गाड़ी के ग्रीस जैसा बनाकर उसे 1 लाख 40 हजार रुपये केजी बेचते हैं. सूत्रों की मानें तो अफीम तस्करों को पैसे की जरूरत पड़ती है तो कभी-कभी फल से निकली दूध को भी 30 हजार केजी बेच देते हैं. सूत्र की मानें तो अफीम ही एक ऐसा चीज है जो उसके फल से लेकर पत्ता और लकड़ी तक बिकती है. वहीं पुलिस इस अवैध खेती को रोकने को लेकर अक्सर अभियान चलाती है और पोस्ते की खेती को नष्ट करती है. लेकिन पूरी तरह से रोक लगाने में कामयाब नहीं हो सकी है. इसे भी पढ़ें-झामुमो">https://lagatar.in/jmm-is-enjoying-power-only-on-the-results-declared-by-evm-and-election-commission-bjp/">झामुमोपर बीजेपी का पलटवारः कहा- EVMऔर EC के घोषित परिणाम पर ही सत्ता सुख भोग रहा JMM [wpse_comments_template]