Ranchi: ओरमांझी प्रखण्ड के पांचा पहाड़ पर लगभग 3 एकड़ जमीन पर 10 साल पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था. समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बिल्डिंग बनाने में करोड़ों करोड़ों रुपए खर्च किए गए मगर 10 साल बीत जाने के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन आज तक नहीं हुआ. उस समय के अधिकारियों ने सिर्फ सरकार के खजाने का दुरुपयोग किया. सुबोधकांत सहाय जिस समय रांची के सांसद थे उस समय उन्होंने गलत स्थान पर सामुदायिक स्वास्थ्य भवन बनवाया था.
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सरकारी खजाने का दुरुपयोग !
उसी समय ओरमांझी प्रखण्ड के दूसरे स्थान पिस्का दुंडे में भी अर्जुन मुंडा की सरकार ने करोड़ों रुपए का समुदायिक भवन बनवा डाला. दो जगहों पर एक ही तरह के स्वास्थ्य केन्द्र कैसे चल सकता है. पांचा पहाड़ पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनना ही नहीं था उस स्थान पर सरकार के अधिकारियों से नेताओं की मिलीभगत से सामुदायिक केंद्र बना दिया. 10 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक इसमें एक डॉक्टर तक नहीं बैठते जो कि आसपास के मरीजों को इलाज कर सकें. जिसके वजह से ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे रहते हैं जिनका चार्ज भी बड़े हॉस्पिटलों जैसा होता है. कई लोग इलाज के चलते अपना दम तोड़ चुके हैं
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स्वास्थ केन्द्र की सुविधाओं से वंचित जनता
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैंपस के अंदर 10 से 12 बड़े-बड़े बिल्डिंग बन के तैयार हैं. जिसमें 100 से अधिक बेड का हॉस्पिटल डॉक्टरों के ठहरने के लिए डॉक्टर क्वार्टर कैंटीन बनाए गए हैं. आज के समय में सभी बिल्डिंग काफी जर्जर अवस्था में है. दरवाजे खिड़की सभी टूट कर गिर चुके हैं. पानी के नल बनाए गए थे जो टूट फूट गए हैं रूम के अंदर पानी जमा हो गया है. मगर इसकी कोई प्रवाह सरकारी अधिकारियों की नहीं चारों और 12 फीट का चारदीवारी के कारण कैंपस के अंदर झाड़ियां भर गई हैं.
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ध्यान नहीं
कई सरकारें आई गई मगर इस पर किसी तरह का कोई संज्ञान लेने की कोशिश नहीं की गई. जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को जमीन पर भुगतना पड़ रहा है. अगर हॉस्पिटल बनकर तैयार होता और डॉक्टर बैठते तो लोगों का इलाज हो पाता और दूरदराज के हॉस्पिटलों में जाकर इलाज करने की नौबत नहीं पड़ती. अब नई सरकार इस पर क्या करती है यह कहना बड़ा मुश्किल है, फिर भी लोग सरकार की ओर आस लगाए बैठे हैं कि कहीं हॉस्पिटल खुल जाए तो नजदीक के ही हॉस्पिटल में इलाज करा सकेंगे.
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