JPSC पर अंतिम सुनवाई 3 फरवरी को – हाईकोर्ट
याचिका में सरकार के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गयी है
याचिका में सरकार के 7.1.2021 को जारी उस आदेश पर रोक लगाने की भी मांग अदालत से की गयी है. जिसमें पंचायत चुनाव को आगे बढ़ाते हुए छह माह के लिए सभी पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिये गये हैं. याचिका में कहा गया है कि कार्यकाल बीतने के बाद जन प्रतिनिधियों को छह माह का अधिकार बढ़ाने का प्रावधान नहीं है. इसलिए सरकार के आदेश पर रोक लगा देना चाहिए.याचिका में ये भी जिक्र है कि लॉकडाउन के दौरान दुमका और बेरमो विधानसभा का उपचुनाव सफलतापूर्वक कराया गया. और अब मधुपुर उपचुनाव की तैयारी भी की जा रही है. ऐसे में पंचायत चुनाव भी कराये जा सकते हैं. अदालत से सरकार को जल्द पंचायत चुनाव कराने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है. अब झारखंड हाइकोर्ट में इस मामले की सुनवाई कब होती है, और अदालत का इस मुद्दे पर क्या रुख रहता है. यह देखना काफी दिलचस्प होगा.सरकार ने की है वैकल्पिक व्यवस्था
यहां बता दें कि झारखंड में पंचायत प्रतिनिधियों की अवधि पूरी हो चुकी है. ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत राज्य संस्थाएं विघटित हो चुके हैं. कोरोना के कारण समय पर पंचायत चुनाव नहीं हो सके. इसे देखते हुए सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था की है. सरकार ने ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के कार्य संचालन के लिए कार्यकारी समिति के गठन का फैसला किया है. ग्राम पंचायत के लिए गठित कार्यकारिणी समिति के लिए विघटित पंचायत के मुखिया को अध्यक्ष बनाया गया है. इसी तरह पंचायत समिति के कार्यों का संचालन विघटित पंचायत समिति के प्रमुख करेंगे. जिला परिषद के विघटन के बाद परिषद के कार्यों के संचालन के लिए गठित कार्यकारी समिति का अध्यक्ष संबंधित विघटित जिला परिषद के अध्यक्ष होंगे. कार्यकारी समितियों का गठन संबंधित जिला के डीसी करेंगे. इसे भी पढ़ें - वायरल">https://lagatar.in/viral-video-cybercrime-in-jamtara-is-a-matter-of-pride-for-us-if-the-police-arrests-we-will-surround-the-police-station-randhir-singh/18748/">वायरलवीडियो: जामताड़ा में साइबर क्राइम हमारे लिए गर्व की बात, पुलिस गिरफ्तार करेगी तो हम थाना घेरेंगे- रणधीर सिंह

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