Patamada (Nanda Rajak) : पटमदा प्रखंड के गोबरघुसी गांव में मध्य विद्यालय के भवन में उच्च विद्यालय के छात्र पढ़ रहे हैं. इसके कारण कई कक्षाओं का संचालन एक कमरे में किया जा रहा है. वर्ष 2012 में मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण विद्यालय में आज तक एक भी कमरा नहीं बना. वर्तमान में जिन कमरों में कक्षा संचालित होती है वो भी जर्जर है और कभी भी दुर्घटना घट सकती है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक उपेंद्र बेसरा ने कहा कि विद्यालय में 250 छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था है.
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वहीं वर्तमान में 560 विद्यार्थी पठन-पाठन कर रहे हैं. शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षा एक से आठवीं तक 240 तथा कक्षा 9वीं व 10वीं में 320 विद्यार्थी नामांकित हैं. हाई स्कूल के छात्रों के लिए बेंच-डेस्क के साथ-साथ शौचालय भी अपर्याप्त है. वर्तमान में तीन ही शौचालय संचालित हैं, जो छात्र-छात्राओं के अनुपात में कम है. विज्ञान का प्रायोगिक कक्ष एवं पुस्तकालय संचालन के लिए भी कमरों की कमी है. छात्रों की उपस्थिति बढ़ने पर एक-एक बेंच पर पांच-पांच विद्यार्थियों को बैठाया जाता है. इससे छात्रों को पठन-पाठन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विद्यालय में चारदीवारी नहीं रहने के कारण सांप, बिच्छू, जंगली-जानवरों एवं बाहरी असामाजिक तत्वों का भय हमेशा लगा रहता है.
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उपायुक्त को सौंपा मांग पत्र
विद्यालय के प्रधानाध्यापक उपेंद्र बेसरा ने बताया कि कमरों की कमी से जूझ रहे विद्यालय में और कमरों का निर्माण कराने के लिए शिक्षा विभाग से कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक कि विद्यालय प्रबंधन समिति एवं ग्रामीण आमसभा करके सांसद से लेकर विधायक तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई. उन्होंने बताया कि इस संबंध में विद्यालय परिवार की ओर से उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा गया है. दूसरी ओर इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी से दूरभाष पर संपर्क साधा गया, लेकिन उनसे वार्ता नहीं हो पायी.
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