Patamda : बोड़ाम और पटमदा के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ग्रामीणों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार मुहैया करवाती है. लोग अपने गांव और घरों के आस-पास सौ दिनों तक काम करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं. लेकिन नवंबर माह से मनरेगा में वेतन भुगतान नहीं होने से मजदूरों के चेहरे पर निराशा झलक रही है. मजदूरों को काम करके भी वेतन नहीं मिल रहा है. गोरडीह गांव में योजना के तहत काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि यदि समय पर काम करने का वेतन भुगतान नहीं हुआ तो आने वाली होली बेरंग हो जाएगी. मनरेगा योजना लागू होने से ग्रामीणों को अपने आस-पड़ोस में सौ दिनों का काम मिलने की गारंटी दिखी थी. लेकिन समय पर वेतन का भुगतान नहीं होने से ग्रामीणों में मनरेगा योजना में काम करने की रुचि कम हो रही है.
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मजदूरों ने की वेतन भुगतान समय पर न होने की शिकायत
जेई सोमनाथ चौधरी ने बताया कि मजदूरों द्वारा स्थल निरीक्षण के दौरान वेतन भुगतान समय पर नहीं होने की शिकायत की जाती है. जिला मुख्यालय से बीडीओ के माध्यम से वेतन भुगतान कराने का प्रयास किया जाएगा. मजदूर करुणा कुंभकार ने बताया कि गुहिराम कुंभकार के जमीन पर निर्मित डोभा में करीब 20 से 25 दिन काम करने के बाद भी एक बार भी वेतन भुगतान नहीं हुआ. मजदूरों को मजदूरी से मिली राशि से पर्व त्योहार सहित कई आवश्यक जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. बीडीओ और जिला प्रशासन से मजदूरों की मांग है कि होली से पहले मजदूरी का भुगतान करवाया जाए, ताकि होली रंगीन बनी रहे.
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