NewDelhi : पेगासस जासूसी मामले में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि सरकार का एनएसओ के साथ कोई लेनदेन नहीं है. केंद्र सरकार के जवाब के एक दिन बाद आज मंगलवार को इस मामले में दायर नौ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी. बता दें कि इस मामले में पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा याचिका दायर कर एसआईटी जांच की मांग की गयी है.
गुहार लगायी गयी है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर या मौजूदा जज की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर जांच करवाई जाये. जान लें कि इससे पूर्व इस मामले में 5 अगस्त को CJI एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने सुनवाई की थी.
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कॉपी केंद्र सरकार को भेजें : SC
5 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के क्रम में याचिकाकर्ता से सवाल किया था कि इस मामले में आईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई गयी है? अगर आपको लगता है कि आपका फोन हैक हुआ है, तो फिर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई? सीजेआई ने सभी याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह अर्जी की कॉपी केंद्र सरकार को भेजें , ताकि कोई नोटिस लेने के लिए मौजूद रहे.
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इस्राइली कंपनी के साथ कोई करार नहीं है
जान लें कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने बयान दे दिया है. रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि सरकार का एनएसओ के साथ कोई लेनदेन नहीं है. रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लिखित जवाब में कहा कि उनके मंत्रालय ने इस्राइली कंपनी के साथ कोई करार नहीं है और उसकी किसी तरह की सेवा नहीं ली गयी है.
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रिपोर्ट का इरादा सिर्फ सरकार को बदनाम करना
बता दें कि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव इससे पहले राज्यसभा में सरकार द्वारा एनएसओ की कोई भी सेवा लिये जाने से इनकार कर चुके हैं. वैष्णव ने उन सभी मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद करार दिया था, जिनमें पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर देश के नेता, मीडियाकर्मी और नौकरशाहों की जासूसी किये जाने की आशंका व्यक्त की गयी थी। वैष्णव ने आरोप लगाया था कि मानसून सत्र से ठीक पहले प्रकाशित रिपोर्ट का इरादा सिर्फ सरकार को बदनाम करना था. जान