Ranchi: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के युवा नेता सुभाष मुंडा की हत्या के बाद राजधानी में गुरुवार को कई आदिवासी संगठनों नेरा बंद का आह्वान किया. बंद समर्थकों ने अरगोड़ा चौक, हरमू बाजार, अलबर्ट एक्का चौक तक निकले और दुकानों का बंद कराया. बंद के दौरान कचहरी से अल्बर्ट एक्का चौक जाने वाली सड़क से गुजरने वाले लोगों को जाम का सामना करना पड़ा. रांची की कई सड़कें घंटों जाम रहीं.
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बंद समर्थक जीतेंद्र राम ने कहा कि यह पुलिस प्रशासन की नाकामी हैं. यहां जनता के साथ नेता भी सुरक्षित नहीं हैं. बंद समर्थकों ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन को 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया. वहीं मौके पर हटिया डीएसपी राजा मित्रा ने कहा कि बंद समर्थकों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से दुकानों को बंद कराया. प्रशासन अपना काम कर रही है ,उन्हें आश्वासन दिला कर हरमू बाजार रोड से वापस लौटा दिया. बंदी को लेकर लोगों को जानकारी नहीं थी. जिस वजह से लोग घरों से निकले और रास्तों पर फंस गए. वहीं कांके, कोकर ,लालपुर रोड में बंद का कोई असर नहीं देखने को मिला, दुकानें खुली रहीं.
एसएसपी ने नगड़ी थानेदार को किया सस्पेंड
सुभाष मुंडा हत्या के बाद एसएसपी किशोर कौशल ने नगड़ी थाना प्रभारी ओमप्रकाश टोप्पो को सस्पेंड कर दिया है. वहीं रातू थाना में पदस्थापित 2018 बैच के एसआई रोहित कुमार को नगड़ी का नया थाना प्रभारी बनाया गया है. एसएसपी ऑफिस से जारी आदेश में कहा गया है कि बुधवार रात अज्ञात अपराधियों ने सुभाष मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. थाना प्रभारी ओम प्रकाश से रात के करीब साढ़े आठ बजे इस संबंध में पूछा गया था, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. यह उनकी सूचना तंत्र की पूर्ण विफलता को दर्शाता है. घटना के बाद लोगों में इनके कार्यप्रणाली को लेकर भारी असंतोष देखा गया है. अपराध की रोकथाम न करना, समय पर घटना के संबंध में जानकारी ना होना और ना ही वरीय पदाधिकारियों को सूचना देना, इनकी अक्षमता एवं कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. इनके इस कार्य से रांची पुलिस की छवि धूमिल हुई है.
घटना के बाद आक्रोशित हुए ग्रामीण
सुभाष मुंडा की हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीण बुधवार रात करीब ढाई बजे तक सड़क पर उत्पात मचाते रहे. इसे संभालने के लिए आईजी, डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी, ट्रैफिक एसपी, हटिया डीएसपी, मुख्यालय 2, डीएसपी, बेड़ो डीएसपी, कई जगहों के अन्य डीएसपी और कई थाना प्रभारी सहित 100 से ज्यादा जवान मौजूद रहे. पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया. उससे पहले हत्या के विरोध में भीड़ ने जमकर बवाल किया. उग्र भीड़ ने कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया. वाहनों में भी तोड़फोड़ किया.