Ranchi : राजधानी के जिला स्कूल मैदान से राजभवन तक युवाओं से लेकर बुजुर्गों के हाथों में एक ही बैनर… फादर स्टेन की मौत की न्यायिक जांच हो….यूएपीए कानून रद्द करो…गुरुवार को रांची में फादर स्टेन स्वामी के निधन की न्यायिक जांच कराने और यूएपीए कानून के विरोध में राजभवन मार्च और प्रदर्शन का आयोजन किया गया. मौके पर ग्रामीण भी काफी संख्या में जुटे. इसका आयोजन वामपंथी और सामाजिक संगठनों ने किया. इस प्रदर्शन में वामदलों के अलावा लगभग 16 संगठनों ने समर्थन दिया, जिसमें छात्र संगठन भी शामिल रहें.
इस मौके पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला गया. प्रदर्शन में शामिल सीपीआईएम की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने आरोप लगाते हुए कहा कि फादर स्टेन स्वामी की हत्या हुई है और इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ एनआईए है. एनआईए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर चल रहा है. जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उस पर एनआईए और यूएपीए कानून का शिकंजा कस जाता है. ऐसा लगता है जैसे सरकार सुनियोजित तरीके से लोगों को बंदी बना रही है.
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84 साल के बीमार बुजुर्ग की जमानत याचिका बार-बार की गयी खारिज
मौके पर वृंदा करात ने कहा कि अब तो एनआईए जैसी एजेंसी का नाम बदलकर क्रिमिनल एजेंसी कर देना चाहिए. 84 वर्षीय बीमार बुजुर्ग की जमानज याचिका बार-बार खारिज की गयी, जबकि उनके खिलाफ आरोप तय नहीं हो पाया. केंद्र सरकार से मांग है कि यूएपीए जैसे काला कानून को रद्द करें. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से इस मौत पर केंद्र सरकार के समक्ष विरोध पेश किया गया है. सरकार की ओर से इस पर पहल की जानी चाहिए.
रघुवर सरकार इन्हीं मुद्दों से हटी, हेमंत सरकार लें संकल्प
इस अवसर पर बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि फादर स्टेन के लिए हम न्याय मांग रहे हैं. यूएपीए को भी सरकार रद्द करे. फादर स्टेन के पक्ष में खड़े होने का अर्थ मुद्दों के पक्ष में खड़े रहना है. कानून रद्द करने की हमेशा से मांग की गयी है. सिंह ने कहा कि नाॅर्थ ईस्ट के बाद सबसे अधिक यूएपीए के बंदी झारखंड से ही हैं. इसमें पत्थलगड़ी के नाम पर भी लोगों को जेल भेजा जा रहा है. कई बार फादर की जमानत की मांग की गयी. लेकिन जमानत नहीं की गयी. राज्य सरकार को इस पर पहल करनी चाहिए. जल जंगल जमीन के मामले में ही रघुवर सरकार को हटाया गया था. अगर ऐसे लोगों को जेल भेजा जा रहा है और मौतें हो रही हैं, तो मौजूदा राज्य सरकार को संकल्प लेना चाहिए कि ऐसे कानून का समर्थन नहीं करेगी.
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फादर स्टेन को शहीद का दर्जा मिले
ऑल इंडिया कैथोलिक यूनिवर्सिटी फेडरेशन के छात्रों ने इस दौरान कहा कि वे फादर स्टेन के लिए एकजुट हुए हैं. एक बुजुर्ग की न्यायिक जांच के दौरान मौत हुई है, जबकि वे पार्किंसंस के मरीज थे. उनको भी सताया गया. फादर ने पूरी जिंदगी दलितों के हित के लिए आवाज उठायी. फादर को शहीद का दर्जा मिले. खूंटी से आये मनोज मुंडा ने कहा कि उनके साथ लगभग सौ लोग आये हैं.
प्रशासन ने लोगों को रोका
यह मार्च जिला स्कूल से राजभवन तक हुआ. लगभग एक घंटे तक जिला प्रशासन ने लोगों को जिला स्कूल परिसर में रोके रखा. इस दौरान मुख्य गेट बंद कर दिया गया. लोगों को रोके जाने पर वृंदा करात, विनोद सिंह, भुवनेश्वर मेहता समेत अन्य नेता खुद ही मार्च शुरू कर राजभवन में प्रदर्शन किया. लगभग एक घंटे के बाद प्रशासन ने अन्य लोगों को भी जाने की अनुमति दी.