Dhanbad : मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ लेने में गोविंदपुर व झरिया के लोग रूचि नहीं ले रहे हैं. इन दोनों प्रखंडो से एक भी व्यक्ति ने अभी तक आवेदन नहीं दिया है. वहीं, धनबाद और बलियापुर प्रखंड से भी एक-दो लोगों ने ही अभी तक आवेदन दिया है. इसे लेकर एनईपी निदेशक इंदु रानी ने चिंता व्यक्त की है, साथ ही लाभुकों की संख्या बढ़ाने को लेकर अलग से बैठक करने का निर्णय लिया है. उन्होंने 21 फरवरी को समाहरणालय में योजना को लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों की समीक्षा बैठक की. बैठक में टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो, झरिया विधायक प्रतिनिधि केडी पांडेय, सिंदरी विधायक प्रतिनिधि कुमार महतो व जिला फाइलेरिया पदाधिकारी डॉ. सुधा सिंह मौजूद थीं.
टुंडी प्रखंड से आए सबसे अधिक आवेदन
समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आई कि टुंडी प्रखंड में अनुसूचित जनजाति के 21, अनुसूचित जाति के 12 तथा पिछड़ी जाति के 84 लोगें से आवेदन प्राप्त हुए हैं. इसी प्रकार बाघमारा से 2 व तोपचांची एवं पूर्वी टुंडी से अनुसूचित जाति का एक-एक तथा पिछड़ी जाति से बाघमारा में 11, बलियापुर व धनबाद में दो-दो तथा पूर्वी टुंडी व तोपचांची में एक-एक लाभुक ने आवेदन दिया है.
25 हजार रुपए तक मिलती है स्वास्थ्य सहायता
निदेशक एनईपी ने बताया कि योजना में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों को चिकित्सा अनुदान दिया जाता है. वयस्क के लिए किसी भी तरह की बीमारी या सर्जरी के लिए 3000 से 25000 रुपए तक तथा अवयस्क के लिए 1500 से 15000 रुपए तक की राशि दी जाती है.
दैनिक जरूरतों को भी पूरा कर सकते हैं लाभुक
निदेशक ने बताया कि इस योजना से बीमार व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ के साथ उसकी आजीविका में भी सहयोग मिलता है. क्योंकि बीमारी में कुछ समय के लिए पीड़ित व्यक्ति को आजीविका की क्षति होती है. इस अनुदान राशि से पीड़ित व्यक्ति न केवल परिवार की दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकता है, बल्कि अपने लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था भी कर सकता है.
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