Bokaro : गुजरात के पनौली से प्रवासी मजदूर नरेश महतो का शव गुरुवार को पेटरवार प्रखंड के सदमा कला स्थित पैतृक घर में पहुंचा. मृतक का शव पहुंचते ही परिजन चीत्कार मारकर रोने लगे, जिससे गांव का माहौल काफी गमगीन हो गया. जानकारी के अनुसार घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत के बाद परिजनों के समक्ष विकट स्थिति पैदा हो गई है, जिसके कारण परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
मालूम हो कि 10 दिसंबर को उसकी मौत एक सड़क हादसे में गुजरात के पनौली में हो गयी थी. दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो की पहल और आर्थिक सहयोग के बल पर गुजरात के पनौली में तीन दिनों से लावारिस हालत में पड़े मृतक नरेश महतो का शव उसके गांव लाया जा सका. इस संबंध में मृतक की विधवा जमनी देवी ने अपने पति का शव लाने की गुहार दर्जा प्राप्त मंत्री से बुधवार को लगाई थी. मंत्री की तत्परता से मृतक का शव सदमा कला पेटरवार लाया जा सका. परिजनों ने बताया कि हजारीबाग जिले के जमनी जारा गांव के प्रदीप कुमार नामक व्यक्ति काम करने के लिए एक महीना पूर्व गुजरात के पनौली उसे ले गया था, लेकिन उसे कंपनी के सुपर वाइजर की ओर से हमेशा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था.
मृतक की पत्नी जमनी देवी अपने पति का शव देखकर बार-बार बेहोश हो रही थी. शव आने की सूचना पर जिप सदस्य प्रह्लाद महतो, मुखिया प्रतिनिधि लालदेव महतो सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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