Special Correspondent
New Delhi : केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाइक आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शाम 4 बजे आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू की गईं विभिन्न पहलों के संदर्भ में आयुष व्यापार एवं उद्योग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे.
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इसे पहले 9 अप्रैल को हुई थी बैठक
यह समीक्षा कोविड-19 महामारी के समय में बीमारी के आयुष आधारित इलाज व समाधानों में बढ़ती वैश्विक रुचि के संदर्भ में की जायेगी. इससे पहले दोनों मंत्रियों द्वारा 9 अप्रैल 2020 को आयुष व्यापार एवं उद्योग की समीक्षा बैठक की गयी थी. उसके बाद से आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 से लोगों को बचाने और सफलतापूर्वक इलाज करने के प्रयास में आयुष प्रणाली को एकीकृत करने के लिए कई पहल शुरू की हैं.
मंत्रालय ने बड़ा अभियान भी चलाया
मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए योग और आयुर्वेद आधारित एडवाइजरी, कोविड के बाद का प्रबंधन और राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल समय-समय पर जारी करके और पहले से सक्रिय नीतियों को लागू करके इसे पूरा किया है. मंत्रालय ने बीमारी से बचने के उपायों को अपनाने के लिए एक बड़ा अभियान भी चलाया ताकि कोविड-19 से खुद को बचाने के लिए लोगों के बीच आयुष प्रणाली के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जा सके.
लोगों द्वारा आयुष आधारित रोग निरोधक उपायों को बड़े पैमाने पर अपनाने के प्रमाण भी सामने आये हैं. भारत में आयुष को बड़े पैमाने पर अपनाने और कोविड-19 से होने वाली मौत की दरों में कमी के बीच सहसंबंध के संकेत भी पाये गये हैं. इन सभी ने भारत और अन्य कई देशों में आयुष शिक्षण पर आधारित स्वास्थ्य एवं वैलनेस उपायों को अपनाने में योगदान दिया है. ऐसे में आयुष व्यापार एवं उद्योग को इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए तैयार होने की जरूरत है.
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उद्योग के प्रमुख लोगों से बातचीत करेंगे
आयुष मंत्रालय ने जिन नीतिगत पहलों को शुरू किया है उनमें विज्ञान की किसी भी शाखा के शोधार्थी, साथ ही साथ आयुष डॉक्टरों को आयुष प्रणाली द्वारा कोविड-19 से जुड़े शोध की सुविधा प्रदान करना और लॉकडाउन के समय में भी आयुष उद्योग को कार्य करने की सुविधा प्रदान करना जैसे कदम शामिल है.
आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों को ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में काफी उपयोगी पाया गया है, जो कि आयुर्वेदिक चिकित्सा की अप्रत्याशित मांग से जुड़ता है. दोनों मंत्री इस समीक्षा बैठक में आयुष व्यापार के संदर्भ में प्रतिपुष्टि की प्राप्ति, घरेलू स्तर पर मांग में वृद्धि की सीमा और आयुष को भविष्य में प्रोत्साहन देने के लिए रोड मैप पर चर्चा के लिए उद्योग के प्रमुख लोगों से बातचीत करेंगे
पुणे में निसर्ग ग्राम परिसर को विकसित करेगा आयुष मंत्रालय
पुणे के पास उरुली कंचन गांव में “निसर्ग उपचार” आश्रम में महात्मा गाँधी के 1946 के प्रसिद्ध प्राकृतिक उपचार अभियान की याद दिलाते हुये राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन), पुणे के आगामी नए परिसर को “निसर्ग ग्राम” कहा जायेगा. बापू भवन में स्थित एनआईएन के वर्तमान परिसर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नया संस्थान भविष्य के लिए तैयार होगा. जिसमें परियोजना में और प्राकृतिक उपचार पाठ्यक्रमों के करिक्युलम में अपने आप में कई नयी चीजें और नवोन्मेष शामिल होंगे.
एनआईएन, पुणे, आयुष मंत्रालय के तहत आने वाला एक स्वायत्त निकाय है और उसे एक विशिष्ट गांधीवादी विरासत मिली है. इसे उस प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान से आगे ले जाते हुए विकसित किया गया है जिसके संस्थापकों में महात्मा गांधी शामिल थे. संस्थान को ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन कहा जाता था और 1945 में गांधी जी के नेतृत्व में उसी परिसर में स्थापित किया गया था, जहां इस समय एनआईएन काम करता है. बाद में इसे केंद्र सरकार ने अपने अधीन ले लिया और इसे वर्तमान राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान का रूप दिया गया.
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