Ranchi : लंबे समय से आतंक का पर्याय बने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गिरफ्तार हो गया. दिनेश गोप को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की सूचना पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और झारखंड पुलिस ने संयुक्त अभियान में दिल्ली से गिरफ्तार किया है. दिनेश गोप अपना हुलिया बदलकर (सरदार के भेष में) रह रहा था. इसी दौरान आईबी को मिली सूचना के आधार पर एनआईए ब्रांच रांची की टीम ने कार्रवाई करते हुए दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को एयर एशिया की विमान से रविवार की शाम पांच बजे रांची एयरपोर्ट लाया गया. एनआईए के द्वारा दिनेश गोप को गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ की जाएगी. इस दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. दिनेश गोप के ऊपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था. वहीं एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था.
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मुठभेड़ में बचकर भाग निकलता था दिनेश गोप
पिछले एक साल में झारखंड पुलिस की पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ आधा दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ हुई. लेकिन हर मुठभेड़ में दिनेश गोप बचकर भाग निकलता था. बता दें कि रांची से 35 किमी दूर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में लाप्पा मोहराटोली गांव है. वैसे तो यह गांव झारखंड के आम गांवों की तरह ही है. पर यह मोस्ट वांटेड पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का गांव है. दर्जनों लोगों की हत्या का आरोपी दिनेश गोप लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. जिसे झारखंड और बिहार पुलिस के अलावा एनआईए भी खोज रही थी. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के कई बड़े उग्रवादी पकड़े गये या फिर मारे गये. लेकिन दिनेश गोप को पकड़ना या फिर मार गिराना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी.
लंबे समय से एनआईए को दिनेश गोप की थी तलाश
एनआईए को पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के प्रमुख की आरसी 02/2018 मामले में तलाश थी. गौरतलब है कि नोटबंदी के ठीक बाद दिनेश गोप ने लेवी के 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची के बेड़ो शाखा में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी. रांची पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेकओवर किया था. एनआईए ने शुरुआत में छापेमारी कर दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार समेत अन्य के ठिकानों से 90 लाख नकदी और निवेश संबंधी कागजात बरामद किये थे. एनआईए ने जांच के क्रम में दिनेश गोप की दो पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को भी गिरफ्तार किया था. 2 मार्च 2020 को एनआईए ने दिनेश गोप के खास सहयोगी जयप्रकाश सिंह भुइयां और अमित देशवाल को गिरफ्तार किया था. पीएलएफआई के पैसों को कंपनियों में निवेश के मामले में गुजरात के एक व्यवसायी को भी एनआईए ने गिरफ्तार किया था. लेकिन दिनेश गोप अबतक पकड़ से दूर था. अब उसे दबोच लिया गया है.
दिनेश गोप पर 102 आपराधिक मामले हैं दर्ज
एनआईए की जांच के अनुसार, आरोपी दिनेश गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा राज्यों में 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से अधिकांश मामले हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआई के लिए धन जुटाने से संबंधित है. दिनेश गोप करीब दो दशक से फरार चल रहा था. गोप व्यवसायियों, ठेकेदारों और जनता को बड़े पैमाने पर आतंकित कर अपनी पीएलएफआई टीम के सदस्यों के माध्यम से पैसे वसूलता और हमलों को अंजाम देता था. जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है और संगठन कोयला व्यापारियों, रेलवे ठेकेदारों और झारखंड के विभिन्न जिलों में विकासात्मक परियोजनाओं में शामिल विभिन्न निजी संस्थाओं को निशाना बनाता रहा है. गतिविधियों को फैलाने के लिए विभिन्न आपराधिक गिरोहों के साथ गठजोड़ भी किया था और झारखंड में हत्या और आगजनी की कई घटनाओं को अंजाम दिया था.