Saurav Singh/Vinit
Ranchi: लंबे समय से आतंक का पर्याय बने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप गिरफ्तार कर लिया गया है. दिनेश गोप को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की मदद से दिल्ली से गिरफ्तार किया है. दिनेश गोप अपना भेष बदलकर (सरदार के भेष में) रह रहा था. इसी दौरान आईबी को मिली सूचना के आधार पर एनआईए ब्रांच रांची की टीम ने कार्रवाई करते हुए दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को दिल्ली लाया गया. उसके बाद वहां से रांची लाया जाएगा. दिनेश गोप पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था. वहीं एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था. हालांकि दिनेश गोप की गिरफ्तारी कि अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पायी है.
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मुठभेड़ में बचकर भाग निकलता था दिनेश गोप
पिछले एक साल में झारखंड पुलिस की पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ आधा दर्जन से अधिक मुठभेड़ हुई. लेकिन हर मुठभेड़ में दिनेश गोप बचकर भाग निकलता था. बता दें कि रांची से 35 किमी दूर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में लाप्पा मोहराटोली गांव है. वैसे तो यह गांव झारखंड के आम गांवों की तरह ही है. लेकिन ये लाप्पा मोहराटोली का मोस्ट वांटेड पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का गांव है. दर्जनों लोगों की हत्या का आरोपी दिनेश गोप लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. जिसे झारखंड और बिहार पुलिस के अलावा एनआईए भी खोज रही थी. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के कई बड़े उग्रवादी पकड़े गये या फिर मारे गये. लेकिन दिनेश गोप को पकड़ना या फिर मार गिराना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था.
लंबे समय से एनआईए को दिनेश गोप की थी तलाश
एनआईए को पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के प्रमुख की आरसी 02/2018 मामले में तलाश है. गौरतलब है कि नोटबंदी के ठीक बाद दिनेश गोप ने लेवी के 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची के बेड़ो शाखा में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी. रांची पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेकओवर किया था. एनआईए ने शुरुआत में छापेमारी कर दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार समेत अन्य के ठिकानों से 90 लाख नकदी और निवेश संबंधी कागजात बरामद किये थे. एनआईए ने जांच के क्रम में दिनेश गोप की दो पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को भी गिरफ्तार किया था. 2 मार्च 2020 को एनआईए ने दिनेश गोप के खास सहयोगी जयप्रकाश सिंह भुईंया और अमित देशवाल को गिरफ्तार किया था. पीएलएफआई के पैसों को कंपनियों में निवेश के मामले में गुजरात के एक व्यवसायी को भी एनआईए ने गिरफ्तार किया था. लेकिन दिनेश गोप अबतक पकड़ से दूर था.
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