Koderma: सदर थाना क्षेत्र में पुलिस पर शक के आधार पर एक शख्स की जमकर पिटाई करने का आरोप लगा है. मामला दूधिमाटी में हुई चोरी के से जुड़ा बताया जा रहा है. जिसमें शक के आधार पर पुलिस ने एक स्थानीय शख्स को हिरासत में लेकर मारपीट की है. दरअसल दो दिन पहले स्थानीय निवासी अजय यादव को पुलिस ने हिरासत में लेकर बुरी तरह मारपीट की है. अजय यादव ने बताया कि पुलिस मुझे शक के आधार पर थाने लाकर मारपीट की है. जिसके बाद मैं बेहोश हो गया. जब होश आया तो मैं सदर अस्पताल में था. वहीं घायल अजय यादव के भाई सह भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष सूरज यादव ने बताया कि, मुझे किसी ने फोन पर बताया कि तुम्हारा भाई थाना में बेहोश पड़ा हुआ है. जिसके बाद मैं थाने पहुंचा तो वह बेहोशी की हालत में दिखा. उसे देखने के बाद मैं बाहर आ गया. मेरे बाहर निकलने के बाद पुलिस अपनी जीप से मेरे भाई को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गई.
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पुलिस के बर्बरता की कहानी, पीड़ित के भाई की जुबानी
बताया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचने के बाद पीड़ित अजय यादव चलने की हालत में भी नहीं था. पुलिस की मारपीट से घायल अजय यादव को 10 टांके के साथ सीटी स्कैन भी कराया गया है. सूरज यादव ने बताया कि मैंने थाना में एक आवेदन देकर अपने भाई को बेहतर इलाज के लिए घर ले आया. सूरज कुमार ने बताया कि मैंने थाना प्रभारी से भाई की चोट के बारे में बात किया तो उन्होंने बताया कि मुझे नहीं मालूम है. सूरज यादव की माने तो उसके भाई अजय यादव को कोई पुरानी बीमारी नहीं थी. जिससे वह गिरकर बेहोश हो जाए या पुलिस साबित कर दे कि इसे कोई भी पुरानी बीमारी है.
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सूरज यादव ने कहा कि मेरे भाई अजय यादव या मेरे परिवार का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. और ना ही हम लोगों पर किसी पुराने चोरी के मामले में शामिल होने का आरोप है. ऐसे में मेरे भाई को जो मार पड़ी है वह जांच का विषय है. अगर पुलिस पदाधिकारी इस पर कोई एक्शन लेते हैं तो ठीक है, नहीं तो मजबूरन मुझे कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा. इस संबंध में एसडीपीओ अशोक कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि, अजय यादव को या उसके भाई को अपने दिल पर हाथ रख कर यह बात बोलने के लिए कहिए. अब बात यह है कि शक के आधार पर किसी को उठाकर लाना जिस पर कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उसके साथ मारपीट करना यह कहां तक जायज है ? ऐसे में जब पुलिस ही इतनी बर्बरता से पेश आएगी तो आम जनता का तो भगवान ही मालिक है.
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