Patna: बिहार में जदयू की राजनीति गर्म है. अभी छह अगस्त को ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पहली बार पटना पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत किया गया. आज केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पटना आ रहे आरसीपी सिंह के जोरदार स्वागत की तैयारी है. एयरपोर्ट से लेकर पटना के प्रमुख चौक-चौराहों तक को पोस्टर-बैनर और होर्डिंग्स से पाट दिया गया है. कार्यकर्ताओं की तैयारी को देखकर लग रहा है कि अपने नेता के स्वागत के साथ उनकी कोशिश अपनी ताकत दिखाने की भी है. कार्यकर्ताओं ने आरसीपी सिंह के स्वागत को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के स्वागत भव्य बनाने की कोशिश की है.
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आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री, ललन सिंह जदयू के अध्यक्ष
आरसीपी सिंह को पिछले महीने सात जुलाई को हुए केंद्रीय मंत्रिपरिषद विस्तार में केंद्रीय इस्पात मंत्री बनाया गया है. इसके पहले 2019 में भी उन्हें जेडीयू कोटे से मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन जेडीयू को सिर्फ एक मंत्री पद मिलने के विरोध में पार्टी नेतृत्व ने इसे स्वीकार नहीं किया था. हालांकि, इस बार भी एक ही मंत्री पद ही मिला तो उसे स्वीकार कर लिया गया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह मंत्री बन गए. इसके साथ ही आरसीपी सिंह की जगह 31 जुलाई को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजीव सिंह सिंह उर्फ ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया. राजीव सिंह सिंह उर्फ ललन सिंह लंबे अर्से से सीएम नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे हैं.
आरसीपी सिंह के नौकरशाह से राजनीति का सफर
आरसीपी सिंह पूर्व नौकरशाह हैं. वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से होने के अलावा वह उनके स्वजातीय भी हैं. बताया जाता है कि नीतीश कुमार के केंद्रीय रेल मंत्री रहते आरसीपी सिंह उनके विशेष सचिव हुआ करते थे. नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी सिंह को अपना प्रधान सचिव बनाकर पटना ले आए. बाद में आरसीपी सिंह ने वीआरएस ले लिया और सक्रिय राजनीति में आ गए. दिसम्बर 2020 में नीतीश कुमार ने जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ा तो आरसीपी सिंह अध्यक्ष बनाए गए थे. केंद्र में मंत्री के बाद एक व्यक्ति एक पद की नीति के तहत उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा.
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