NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता में हुई वृद्धि की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक करेंगे. खबर है कि बैठक सुबह 11.30 बजे होगी. जान लें कि दो दिन पूर्व ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए दिल्ली में तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (LMO) का बफर स्टॉक बनाने के मामले में केन्द्र सरकार से जवाब तलब किया है.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केन्द्र को सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश के अनुसार उठाये गये कदमों के बारे में एक सप्ताह में सकारात्मक रूप से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है, क्योंकि यह मामला काफी समय से लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश में एलएमओ का बफर स्टॉक बनाने के लिए कहा था.
इसे भी पढ़ें : मोदी के नये मंत्री ने कहा, पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य संभव, सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसा, उनका मतलब जादू से है
कोरोना की थर्ड वेव से निपटने के लिए स्पेशल इमरजेंसी हेल्थ पैकेज की घोषणा
इस मामले में केंद्र सरकार एक्शन के मोड में आ गयी है. गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना की थर्ड वेव से निपटने के लिए स्पेशल इमरजेंसी हेल्थ पैकेज की घोषणा की है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि पहली लहर में कोरोना पैकेज से ही चार लाख से ज्यादा ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बने हैं. 10111 डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर की स्थापना भी इसी फंड से की गयी है.
इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दिल्ली पिछले साल जैसी हिंसा फिर नहीं झेल सकती, फेसबुक को जवाबदेह होना होगा
स्वास्थ्य मंत्री ने 23 हजार 100 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया
जान लें कि कोरोना की तीसरी वेव के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने 23 हजार 100 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया. कहा कि इस फंड को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस्तेमाल करेंगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस फंड से हर राज्य की सीएचसी और पीएचसी में 2 लाख 44 हजार बेड बनाये जायेंगे. इसके अलावा पांच हजार और 2500 बेड का ओपन हॉस्पिटल बनाने के लिए भी फंड का इस्तेमाल किया जायेगा. 20 हजार नये आईसीयू बेड भी बनेंगे..
इसे भी पढ़ें : मोदी की चिंता: बगैर मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग के घूम रहे लोग, हमें डरना चाहिए, मंत्रियों को दी नसीहत- सुबह 9:30 बजे पहुंचे दफ्तर
हर जिले में 10 हजार लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जायेगी
बसाया गया कि हर जिले में 10 हजार लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही डिस्ट्रिक्ट लेवल पर दवाओं के स्टॉक की योजना भी है. 736 जिलों में पीडियाट्रिक यूनिट बनाने का प्रावधान का भी किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर मेडिकलकर्मियों की जरूरत पड़ती है, तो इस जुलाई से अगले मार्च तक सभी मेडिकल स्टूडेंट्स की सेवा राज्य सरकारें ले सकेंगी.
बता दें कि कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई में देश में ऑक्सीजन की भारी कमी हुई थी. कई मरीजों को समय पर ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड नहीं मिल पाये. उनकी तड़प-तड़पकर मौत हो गयी. इस वजह से मोदी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी.