Ranchi : स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को लेकर राज्य में रविवार यानी 16 मई से E-PASS लेना अनिवार्य किया गया है. लेकिन इस E-PASS को बनाने में कई खामियां हैं. इसके रजिस्ट्रेशन के समय सर्वर डाउन या फिर पोर्टल का नहीं खुलना जैसी समस्या तो आ ही रही है, लेकिन इसकी प्रक्रिया बहुत ही अजीबोगरीब है. इसमें रजिस्ट्रेशन करते समय आपका मोबाइल नंबर और उसकी सुरक्षा का कोई ख्याल नहीं रखा गया है.
वेबसाइट और इसकी सिक्योरिटी
आइए जानते हैं वेबसाइट की सिक्योरिटी के पहलुओं को. epassjharlhand.nic.in नामक यह वेबसाइट बिल्कुल ही निम्न स्तर का बनाया गया है. आपको सिर्फ रजिस्ट्रेशन करने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ रह रही है. पहले तो वेबसाइट खुलेगी नहीं और खुल भी गई तो कोई भी डेटा अपडेट करते ही वेबसाइट का सर्वर डाउन हो जा रहा है.
बिना ओटीपी आए आपके फोन का हो जाएगा रजिस्ट्रेशन
अगर आप अपने मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करते हैं तो आपके पास किसी तरह का कोई ओटीपी नहीं आएगा. यानी कि आपका मोबाइल वेरिफिकेशन के बिना ही आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. इतना ही नहीं आपका मोबाइल नंबर से कोई भी अनजान व्यक्ति रजिस्टर कर सकता है और आपके ई पास पोर्टल के प्रोफाइल का पासवर्ड बदल सकता है. पासवर्ड बदलने के लिए भी कोई ओटीपी की जरूरत नहीं है. यानी इस पोर्टल को बनाने में प्राइवेसी को पूरी तरह से ताक पर रखा गया है.आधार कार्ड से भी वेरिफिकेशन की सुविधा नहीं.
समय सीमा भी अजीब है
E-PASS पोर्टल में आधार कार्ड के वेरिफिकेशन की भी सुविधा नहीं है. बस आप केवल 12 अंक डालकर डॉक्यूमेंट का कॉलम पूरा कर आगे बढ़ सकते हैं. आपको फ़ोटो अपलोड करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. पोर्टल पर E-PASS के लिए भी समय सीमा अटपटा है. आप 1 घंटे से लेकर चाहें तो 27 मई के लिए एक बार ही ई पास बना लें. इसमें कार्य या किसी तरह का कोई वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं है.
फॉर्म सबमिट होते ही बन जाता है ई-पास
सबसे बड़ी बात है कि फॉर्म सबमिट होते ही बन जाता है E-PASS. न तो कोई वेरिफिकेशन होता है और न ही कोई सिक्योरिटी चेक. ले मैन के शब्दों में कहा जाए तो यह E-PASS पोर्टल बिल्कुल ही घटिया किस्म का बनाया गया है. यह ई-पोर्टल जनता को और ज्यादा परेशानी में डालने वाला है.
जनता के साथ किया गया मजाक है E-PASS
इमरजेंसी सर्विसेज दूध की डिलीवरी, दवाई की डिलीवरी या अन्य के लिए भी निकलेंगे तो E-PASS का होना अनिवार्य है. ऐसा लगता है कि राज्य सरकार मान चुकी है कि राज्य के 100% आबादी शिक्षित है और सभी की कमाई इतनी तो जरूर है कि सभी एक स्मार्टफोन जरूर रखते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि E-PASS के लिए ऐसा ही कुछ नियम बनाए हैं. अभी लॉकडाउन में साइबर कैफे, मोबाइल दुकान बंद हैं. ऐसे में अगर आपके पास स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर है और साथ में आप पढ़े-लिखे हैं तो ही आप E-PASS बना पाएंगे. या फिर आपको अपने पड़ोसी या अपने जान पहचान वालों से सहायता लेनी पड़ेगी. स्पष्ट शब्दों में कहें, तो झारखंड के सफेदपोश द्वारा झारखंड की जनता के साथ किया गया यह एक मजाक ही है.