- सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को तकनीकी पेच में फंसाने का प्रयास
- जेबीवीएनएल और बिलिंग एजेंसी एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं, कंज्यूमर योजना के लाभ से हो रहे हैं वंचित
- रेगुलर ऑन स्पॉट बिलिंग नहीं होने से 100 यूनिट से पार कर रहा है खपत, नहीं मिल पा रहा 100 यूनिट फ्री का लाभ
- बिलिंग व्यवस्था फिर हुई बेपटरी, जून का बिलिंग 10 जुलाई से हुआ शुरू, रेगुलर बिल देने वाले कंज्यूमर परेशान
Kaushal Anand
Ranchi : राज्य की हेमंत सरकार की महत्वाकांक्षी 100 यूनिट फ्री बिजली स्कीम को जेबीवीएनएल और बिलिंग एजेंसी कांपीटेंट सिनर्जी तकनीकी पेंच में फंसा कर उसे उलझाने की कोशिश में जुटे हैं. एक ओर सरकार इसके प्रचार-प्रसार में जुटी है. वहीं एजेंसी और जेबीवीएनएल इसमें पेंच में फंसा रहे हैं. इसके कारण कंज्यूमर परेशान हैं. यह स्कीम लागू होने से कंज्यूमर महीने में 100 यूनिट ही रीडिंग आए, इसका मासिक मैकेनिज्म बना चुके हैं, ताकि वह इस स्कीम का फायदा उठा सकें. मगर बिलिंग रेगुलर और एक महीने के अंदर नहीं होने से 100 यूनिट से अधिक रीडिंग आ रही है, इससे उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. 100 यूनिट से अधिक अगर 101 यूनिट भी रीडिंग हो जाए, तो 100 यूनिट फ्री बिजली का लाभ कंज्यूमर नहीं ले पाएंगे. ऐसा ही मामला कई कंज्यूमरों के साथ आया है. जब वे इसकी शिकायत करने डिवीजन के इंजीनियर के पास गए, तो उन्हें कह दिया गया कि यह एजेंसी की गलती के कारण हुआ है. इसमें वे लोग अधिक कुछ नहीं कर सकते हैं.
केस स्टडी 1 : कंज्यूमर नंबर केयू1212450 सबडिवीजन लालपुर. इस कंज्यूमर ने बताया कि उसका मई महीने की बिलिंग 34 दिन में आई. इसके कारण 100 यूनिट से रीडिंग अधिक आई. इस वजह से मई महीने में वे 100 यूनिट फ्री बिजली का लाभ नहीं उठा सका.
केस स्टडी 2 : कंज्यूमूर नंबर केयू 8598 डिवीजन कोकर. इस कंज्यूमर ने बताया कि मई महीने की उसकी रीडिंग 33 दिन आई. उसकी रीडिंग 100 यूनिट से पार कर गई. जब इसकी शिकायत लेकर वो कोकर डिवीजन गया, तो वहां पर कहा गया कि यह बिलिंग एजेंसी की गलती है. इसमें वो कुछ नहीं कर सकते हैं.
केस स्टडी 3 : कंज्यूमर नंबर यूडब्ल्यू 2428, सबडिवीजन अपर बाजार. इस कंज्यूमर ने बताया कि उनका अंतिम बिजली बिल 19 जनवरी को आया. इसके बाद न बिल आया और न ही बिलिंग हुई. वे लोग भी 100 यूनिट का फायदा उठाना चाहते हैं, मगर बिल ही नहीं आएगा, तो कैसे लाभ उठाएंगे.
वर्तमान बिलिंग एजेंसी की कार्यशैली पर उठते रहे हैं सवाल
रांची एरिया बोर्ड में कार्यरत चंढ़ीगढ़ की बिलिंग एजेंसी कांपीटेंट सिनर्जी की कार्यशैली पर हमेशा से सवाल खड़ा किया जाता रहा है. जब से एजेंसी ने ऑन स्पॉट बिलिंग का काम संभाला है, तब से कभी भी शत-प्रतिशत बिलिंग का लक्ष्य हासिल नहीं किया. कंपनी पर ऊर्जा मित्र (मीटर रीडरों ) द्वारा भी कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए. मगर बिजली अफसर इनपर कोई कार्रवाई नहीं की.
जून माह में कंपनी की ऑन स्पॉट बिलिंग की प्रगति
मई माह का जून में रांची सर्किल के अधीन रांची और खूंटी में 75 प्रतिशत ही ऑन स्पॉट बिलिंग की गयी. जबकि गुमला सर्किल के अंतर्गत गुमला, लोहरदगा एवं सिमडेगा मिला कर 80 प्रतिशत ही बिलिंग की गई. जबकि जून माह का बिलिंग का काम तकनीकी कारण बता कर 10 जुलाई से शुरू हुआ है.
क्या कहते हैं एजेंसी संचालक
हमें जेबीवीएनएल के द्वारा किसी भी महीने सॉफ्टवेयर क्लीयरेंस समय पर नहीं मिलता है. अभी भी एचसीएल और एसआरटी सॉफ्टवेयर का इश्यू चल रहा है. इसके कारण जुलाई में 10 तारीख से बिलिंग का काम शुरू किया गया है. हमारे ऊर्जा मित्र बिलिंग करने को तैयार रहते हैं, मगर सॉफ्टवेयर अपग्रेडशन इश्यू हमेशा बना रहता है, इसके कारण समस्या आती है. -आदेश श्रीवास्तव, कंपीटेंट सिनर्जी
क्या कहते हैं जेबीवीएनएल के अफसर
पता होना चाहिए कि नया बिजली टेरिफ एक जून से लागू हुआ है. जिसकी बिलिंग जुलाई से होनी है. इसलिए नए टैरिफ को सॉफ्टवेयर में अपग्रेडशन का काम चल रहा था. जो अब पूरा हो चुका है और 10 जुलाई तक क्लीयरेंस मिल चुका है. बिलिंग भी शुरू हो चुकी है. रही बात मई महीने या उससे पहले रेगुलर बिलिंग नहीं होने की, तो इसके लिए एजेंसी जिम्मेवार है. जून के पहले तो कोई इश्यू नहीं था. तो फिर समय पर और सही बिलिंग एजेंसी क्यों नहीं कर पा रही है.
– संजय सिंह, जीएम आईटी, जेबीवीएनएल