Pravin Kumar
Ranchi : राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा को भी यहां के अधिकारी गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार ने आदिवासी खाते की भूमि पर अवैध कब्जा कर हो रहे निर्माण पर रोक लगाने का भरोसा दिलाया था. लेकिन रांची जिला प्रशासन सरकार के इस आश्वासन को अमलीजामा पहनाने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है. खानापूर्ति के लिए थाने को एक पत्र लिख दिया गया. उधर बिल्डर निर्बाध रूप से अवैध भूमि पर बहुमंजिली इमारत खड़ी कर रहा है.
किसकी शह पर हो रहा निर्माण- चमरा लिंडा
हरमू रोड से कटहल मोड़ (चापू टोली चौक) के रास्ते पर स्थित यह जमीन अरगोड़ा मौजा स्थित खाता संख्या 440 की है, जिसका एरिया 84 डिसमिल है. यह भूखंड खतियान में रैयत गोंदल उरांव एवं अन्य के रूप में दर्ज है. रोक के बाद भी इस भूखंड पर समृद्धि बिल्डर द्वारा बहुमंजिली इमारत का निर्माण किया जा रहा है. इस मामले पर विधानसभा में सवाल उठाने वाले झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने सरकार से ही सवाल किया है. उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि आखिर किसकी शह पर यह निर्माण कार्य किया जा रहा है.
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गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र में चमरा लिंडा के तारांकित प्रश्न के जवाब में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने माना था कि जिस भूखंड पर समृद्धि बिल्डर द्वारा बहुमंजिली इमारत खड़ी की जा रही है, उसके खतियानी रैयत गोंदल उरांव के वंशजों और छेदी राम साहू के बीच एसएआर कोर्ट में मुकदमा (419/2006-07) चला. इसमें गोंदल साव के वंशज झिरगा उरांव के पक्ष में फैसला हुआ. फिर इस फैसले के खिलाफ उपायुक्त कोर्ट में अपील (SAR अपील केस 2008-09) तथा आयुक्त के न्यायालय में रिवीजन वाद संख्या 179 / 2011 में भी आदिवासी रैयतों के पक्ष में एसएआर कोर्ट का फैसला बरकरार रहा.
लेकिन लंबी कानूनी लड़ाई जीतने के बाद भी इन आदिवासियों को भूमि उन्हें वापस नहीं मिली. फिलहाल मामला फिर से उपायुक्त के कोर्ट में है. राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने फैसला आने तक उक्त भूखंड पर किसी तरह के निर्माण पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद समृद्धि बिल्डर सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए काम करा रहा है.
क्या कहते हैं विधायक चमरा लिंडा
समृद्धि बिल्डर द्वारा कराये जा रहे निर्माण पर विधानसभा सत्र के दौरान रोक लगायी जा चुकी है. इसके बाद भी निर्माण कार्य होना विधानसभा की अवमानना है. बिल्डर द्वारा किये जा रहे निर्माण को आखिर कौन शह दे रहा है. किसके इशारे पर रांची डीसी, एसी और सीओ सरकार की बात भी नहीं सुन रहे, यह सरकार को बतानी चाहिए.
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