Patna : बिहार में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर या ऑनलाइन प्रदर्शन करना लोगों के लिए महंगा पड़ सकता है. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्रशासन कड़ी कदम उठाने जा रही है. इसकी चेतावनी पुलिस ने दे दी है. पुलिस ने कहा है कि सड़क जाम, प्रदर्शन या किसी भी प्रकार की अपराधिक घटनाओं में अगर उनके नाम किसी चार्जशीट में हो तो ऐसे लोगों को पासपोर्ट बनाने या सरकारी नौकरी लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे लोगों को बैंक से लोन लेने में भी मुश्किल हो सकती है.
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डीजीपी के द्वारा 1 फरवरी को जारी किया गया था आदेश
बिहार डीजीपी की तरफ से 1 फरवरी को जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि यह सभी बातें पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में मेंशन होंगी. आदेश में ऐसी 9 सेवाओं का जिक्र है, जिनमें पुलिस वेरिफिकेशन की जरूरत होगी. इनमें हथियार के लिए लाइसेंस, पासपोर्ट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, कॉन्ट्रैक्ट वाली सरकारी नौकरी, सरकारी विभागों, आयोगों और बोर्ड्स में काम के कॉन्ट्रैक्ट, पेट्रोल पंप के लाइसेंस और गैस एजेंसी, सरकारी मदद, बैंक लोन और कुछ अन्य जगहों पर जहां पुलिस वेरिफिकेशन की जरूरत होगी.
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उत्तराखंड सरकार सोशल मीडिया में होने वाले कमेंट्स पर भी नजर रखेगी
बिहार प्रशासन की कदम से प्रेरित होते हुए उत्तराखंड पुलिस ने तो यहां तक ऐलान कर दिया की सरकार के खिलाफ कंमेट करने वालों पर भी नजर रखी जायेगी. सभी सोशल मीडिया के कमेंटों पर पुलिस की नजर रहेगी.
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सोशल मीडिया पर लोगों का व्यवहार भी चेक होगा
हाल ही उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस से सोशल मीडिया पर एंटी नेशनल (देश-विरोधी) और एंटी-सोशल (असामाजिक) पोस्ट्स करने वालों पर नजर रखने और ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए कहा है. पुलिसकर्मी ऐसे लोगों के पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर रखेंगे. डीजीपी ने कहा कि पहले सिर्फ एफआईआर ही चेक की जाती थी, पर अब सोशल मीडिया पर लोगों का व्यवहार भी चेक होगा.
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अब तक बिहार में कोई खास कदम नहीं उठाये गये थे
बता दें कि बिहार में अब तक ऑनलाइन आक्रामक टिप्पणियों के लिए अब तक कोई खास कार्रवाई नहीं की गई थी. लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इसका संज्ञान लिया है और हाल ही में उन्होंने राज्य में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सोशल मीडिया पर आई आक्रामक टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है. सोशल मीडिया पर गलत टिप्पणी करने वालों पर भी बिहार सरकार कड़ी कदम उठाने जा रही है.
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विपक्ष ने नीतीश सरकार को बताया तानाशाही
बिहार सरकार के इस आदेश का भी विपक्ष विरोध करते हुए सरकार को तानाशाह तक कह दे रही है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसकी तुलना हिटलर और मुसोलिनी की सत्ता से करते हुए कहा कि, “नीतीश कुमार अब सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शनों को सरकारी नौकरी से वंचित रखकर हिटलर और मुसोलिनी की सत्ता को भी चुनौती पेश कर रहे हैं. विरोध करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है. इस आदेश का मतलब है कि सरकार न तो नौकरी देगी और न ही किसी को विरोध प्रदर्शन करने देगी.”
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