New Delhi: पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के अनुसार इस साल 22 सितंबर से 17 नवंबर के बीच सिर्फ पंजाब में ही पराली जलाए जाने के 74,236 मामले रिकॉर्ड किए गए. 2016 के बाद से ये मामले सबसे ज्यादा हैं. खरीफ के सीजन में 2016 में पंजाब में आग की 80,879 घटनाएं रिकॉर्ड की गईं थीं. 2017 में आंकड़ा 43,660, 2018 में 49,905 और 2019 में 51,946 था.
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सरकार की नीतियों को लेकर है गुस्सा
कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा पराली जलाए जाने में हुई बढ़ोतरी के पीछे किसानों के गुस्से को देखते हैं. शर्मा कहते हैं, ‘पंजाब के किसानों में सरकार की नीतियों को लेकर गुस्सा है. ये भी पराली ज्यादा जलाए जाने की एक वजह हो सकती है.’ वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल कहते हैं कि कृषि विधेयकों को लेकर किसानों में भड़का गुस्सा ज्यादा पराली जलाए जाने की सबसे बड़ी वजह है.
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