Lucknow : यूपी में किये जा रहे मुठभेड़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एनकाउंटरों पर जश्न मनाया जाता है. कहा कि एनकाउंटर करने पर पुलिसवालों को प्रमोशन मिलता है. इनाम भी दिये जाते हैं. सरकार पुलिस की असंवैधानिक कार्रवाइयों को बढ़ावा देती है. नेशनल खबरों के लिए क्लिक करें
याचिकाकर्ता ने यूपी सरकार की उस स्टेटस रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया है कि यूपी पुलिस की अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में कोई गलती नहीं थी. अपनी रिपोर्ट में यूपी सरकार ने अन्य एनकाउंटरों को लेकर भी पुलिस को क्लीन चिट दी है,
पुलिस ने सेल्फ डिफेंस के तहत एनकाउंटर किये हैं
यूपी सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर दलील दी है कि पुलिस ने सेल्फ डिफेंस के तहत एनकाउंटर किये हैं. इस दलील पर विशाल तिवारी ने कहा कि एक ताकतवर फोर्स होने के नाते पुलिस को अत्यधिक बल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जब सामने वाली ताकत कमजोर हो.कहा कि लिस हमेशा सेल्फ डिफेंस की थ्योरी सामने लाकर कमजोर पक्ष पर हमला नहीं कर सकती. जब वे कम संख्या में हों और उनके पास हथियार न हो.
सुप्रीम कोर्ट के सामने सही तथ्य नहीं रख कर भ्रम में डालने की कोशिश
जब पुलिस आरोपी पर हमला करते हुए उसे बिना मारे काबू कर ले तो वह जवाबी ऐक्शन कहलायेगा. लेकिन पुलिस ऐक्शन में आरोपी मर ही जाये तो फिर वह न्यायिक प्रक्रिया का पालन किये बिना की गयी हत्या माना जायेगा. विशाल तिवारी ने कहा कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सही तथ्य नहीं रख कर उसे भ्रम में डालने की कोशिश की है.
जान लें कि यूपी में एनकाउंटरों की संख्या काफी रही है. उसे लेकर मानवाधिकार संगठन सवाल उठाते रहे हैं. कुछ महीने पहले गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस सुरक्षा में मीडिया के सामने ही गोलियां मारकर हत्या कर दी गयी थी. अतीक अहमद के बेटे असद समेत कई अपराधी एनकाउंटर में मार गिरायं गये.