NewDelhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत-चीन सीमा पर डिसइंगेजमेंट को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हुए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि हमने अपना इलाका चीनियों को क्यों सौंप दिया. बता दें कि कल गुरुवार को रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में हालात पर एक बयान दिया था. जिसके अनुसार भारत के सैनिक फिंगर 3 के पास बनी परमानेंट पोस्ट पर वापस लौटेंगे.
चीन के सैनिक फिंगर 8 के पूर्व में चले जायेंगे. फिंगर 3 और फिंगर 8 के बीच का इलाका फिलहाल नो-गो जोन रहेगा. वहां पैट्रोलिंग भी नहीं होगी. पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भी सेनाएं पीछे हटेंगी.
प्रधानमंत्री कायर हैं जो चीन के सामने खड़े नहीं हो सकते : राहुल
राहुल ने कहा कि पैंगोंग झील इलाके में हमारे सैनिक फिंगर 3 पर तैनात रहेंगे, जबकि हमारा इलाका फिंगर 4 है. कांग्रेस नेता ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, मिस्टर मोदी ने हमारा इलाका चीनियों को क्यों दे दिया है? कहा कि प्रधानमंत्री एक कायर हैं जो चीन के सामने खड़े नहीं हो सकते. यही तथ्य है. वह सेना के बलिदान पर थूक रहे हैं, वो यही कर रहे हैं. वह सेना के त्याग का अपमान कर रहे हैं. भारत में किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.
राहुल ने कहा, भारत सरकार की नेगोशिएटिंग पोजिशन थी कि अप्रैल 2020 में जो हालात थे, वही बहाल हो. उसको सरकार भूल गयी. चीन के सामने नरेंद्र मोदी ने अपना सिर झुका दिया. माथा टेक दिया. हमारी जमीन फिंगर 4 तक है. नरेंद्र मोदी ने फिंगर 3 से फिंगर 4 की जमीन चीन को पकड़ा दी.
समझौते से भारत को क्या मिला?
राहुल ने बॉर्डर से डिसइंगेजमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे भारत को कुछ हासिल नहीं हुआ. उन्होंने पूछा कि कड़ी मेहनत के बाद भारतीय सेना ने जो कुछ हासिल किया, अब उनसे क्यों पीछे हटने को कहा गया है? इसके बदले भारत को क्या मिला है? सबसे जरूरी बात ये है कि देपसांग प्लेन्स में चीनी पीछे क्यों नहीं हटे हैं? वे गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से पीछे क्यों नहीं गये हैं? हिंदुस्तान की पवित्र जमीन नरेंद्र मोदी ने चीन को पकड़ाई है. ये सच्चाई है.
पीएम ने बयान क्यों नहीं दिया
राहुल ने कहा कि कल रक्षा मंत्री आकर एक छोटा भाषण देते हैं, प्रधानमंत्री ने आकर ऐसा क्यों नहीं कहा. उन्होंने रक्षा मंत्री से बयान देने को क्यों कहा. प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि मैंने भारत की जमीन चीन को दे दी है. राहुल ने कहा, देश की जमीन की रक्षा करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. वो ऐसा कैसे करते हैं, ये उनकी समस्या है, मेरी नहीं.
पूर्वी लद्दाख में 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) का करीब 826 किलोमीटर हिस्सा आता है. इस हिस्से के करीब-करीब बीच में पैंगोंग झील है. 14,000 फीट से ज्यादा ऊचाई पर स्थित इस झील के उत्तरी किनारे पर वीरान पहाड़ हैं.
इनमें से जो पर्वत-स्कंध (Spurs) निकलकर झील में मिलते हैं, उन्हें ‘फिंगर्स कहा जाता है. भारत मानता है कि फिंगर 8 तक उसका इलाका है जबकि चीन फिंगर 2 तक दावा करता है. फिंगर 3 के ठीक पहले भारत की एक परमानेंट पोस्ट है जिसे धन सिंह थापा’ पोस्ट के नाम से जाना जाता है. यहां पर इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) की यूनिट तैनात रहती है.