New Delhi : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने विकास और मुद्रास्फीति के बढ़े हुए अनुमानों के साथ अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर पेश करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक पर दबाव डाला था. यह आरोप आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव का है. उन्होंने अपनी किताब जस्ट ए मर्सिनरी?: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर… में यह लिखा है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
One of greatest embarssments in political history is commentary on Economy by @PChidambaram_IN and his few cronies – utterly shameless for someone who destroyed economy, fin sector, presided over corruption but wanted RBI to say Economy is rosy 😅😂https://t.co/mrOWzdxcZx
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) May 2, 2024
सुब्बाराव के अनुसार अगर कोई सरकार जनता की भावना को बढ़ावा देने के लिए अनुमान बढ़ाने के लिए कहती है और अगर आरबीआई उस पर कार्रवाई करता है, तो यह गलत है. आरबीआई को अपनी विश्वसनीयता बनाये रखनी चाहिए. उसकी मौद्रिक नीति का रुख विकास और मुद्रास्फीति के अनुमानों पर आधारित होना चाहिए.
चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर पेश करने के लिए आरबीआई पर दबाव डाला था
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव की किताब जस्ट ए मर्सिनरी?: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर… को लेकर प्रकाशित खबर को एक्स पर शेयर करते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर हल्ला बोला है.
राजीव चंद्रशेखर ने एक्स पर पोस्ट किया… राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी शर्मिंदगी में से एक पी चिदंबरम और उनके कुछ साथियों द्वारा अर्थव्यवस्था पर की गयी टिप्पणी है. यह अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाले किसी व्यक्ति के लिए पूरी तरह से बेशर्म है. उन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, लेकिन आरबीआई कहना चाहता था कि अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव अपनी किताब में बताया है कि चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर पेश करने के लिए आरबीआई पर दबाव डाला था. सुब्बाराव ने माना है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा, लेकिन उसे तय किया जाना चाहिए कि इसका लाभ देश की आम जनता के साथ शेयर किया जाये. उन्होंने कहा कि आरबीआई में स्वायत्तता की कमी नहीं है. सवाल यह है कि सरकार आरबीआई की स्वायत्तता का कितना सम्मान करती है और आरबीआई स्वायत्तता का उपयोग किस तरह करती है.