Ranchi: राज्यसभा चुनाव में हुए कथित हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर चुनाव आयोग के आदेश पर रांची के जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज है. इस मामले में पुलिस ने सोमवार को जगरनाथपुर थाना में दर्ज कांड संख्या 154/18 में योगेंद्र साव के दो ऑफिस कर्मचारियों विकास केशरी और ओमप्रकाश से जगरनाथपुर थाना में पूछताछ हुई है. पूछताछ के दौरान दोनों कर्मचारियों से पुलिस ने रिकॉर्ड ऑडियो के स्क्रिप्ट टाइपिंग और ऑडियो-वीडियो से संबंधित जानकारी ली है.
जल्द चार्जशीट कर सकती है रांची पुलिस
राज्यसभा चुनाव – 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले की जांच कर रही रांची जिले की पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. इस पूरे प्रकरण में आइजी अखिलेश कुमार झा के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने इस प्रकरण से जुड़े संबंधित करीब करीब सभी लोगों का बयान ले लिया है.
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निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
स्पेशल शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप लगा था. भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच कराई थी. आयोग ने प्रथम दृष्टया आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.
इसके बाद एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार के विरुद्ध जगन्नाथपुर थाने में 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी. जनवरी 2018 में राज्य सरकार ने आयोग से इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था. आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और पूर्व के निर्देश के अनुपालन की हिदायत दी थी. इसके बाद ही सभी संबंधित आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
निर्मला देवी ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर लगाया था गंभीर आरोप
रांची पुलिस की पूछताछ में तत्कालीन विधायक निर्मला देवी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर गंभीर आरोप लगा चुकी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि 10 जून 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उनके आवास पर आकर रास चुनाव में वोट नहीं देने का दबाव बनाया था. इस कार्य के लिए उन्होंने पांच करोड़ रुपये दिए जाने का प्रलोभन दिया था. यह भी कहा था कि भाजपा में शामिल हो जाओ. इनके पास बातचीत का ऑडियो भी है, जो चुनाव के वक्त ही वायरल भी हुआ था. उसकी एफएसएल से जांच कराई जा रही है.
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11 माह से निलंबित चल रहे हैं एडीजी अनुराग गुप्ता
एडीजी अनुराग गुप्ता लगभग 11 माह से निलंबित चल रहे हैं। गत वर्ष 14 फरवरी 2020 को हेमंत सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया था. तब वे सीआइडी के एडीजी थे. उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है.