New Delhi : राज्यसभा में आज शुक्रवार को सत्ता पक्ष ने राजस्थान में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया, वहीं विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत दिये गये कार्यस्थगन नोटिस को स्वीकार करने की मांग करते हुए नारेबाजी की. हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12:05 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Monsoon session: Amid ruckus Rajya Sabha adjourned till August 7
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— ANI Digital (@ani_digital) August 4, 2023
नियम 267 के तहत कुल 48 नोटिस मिले हैं : सभापति
आज सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने वाईएसआर कांग्रेस के वेंकटरामण राव मोपी देवी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और फिर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये. सभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 48 नोटिस मिले हैं. उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राजस्थान के मुद्दे पर हंगामा और शोरगुल शुरु कर दिया.
राजस्थान की स्थिति को लेकर सभी सदस्य चिंतित हैं
भाजपा के सदस्य राजस्थान में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना का जिक्र कर रहे थे. सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, राजस्थान की स्थिति को लेकर सभी सदस्य चिंतित हैं. जिस प्रकार वहां दिनदहाड़े हमारी छोटी बेटियों, बच्चियों के साथ अलग-अलग प्रकार से दुर्व्यवहार हो रहा है, उसके ऊपर अवश्य सदन को विचार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राजस्थान की स्थिति पर चर्चा के लिए नियम 176 के तहत कुछ सदस्यों ने नोटिस दिया है और सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राजस्थान की गंभीर समस्या पर, ध्वस्त कानून और व्यवस्था पर… इस पर जरूर सदन में चर्चा होनी चाहिए
सभापति ने मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का मौका दिया
सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का मौका दिया. लेकिन जैसे ही खड़गे खड़े हुए, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया. धनखड़ ने सदन के नेता गोयल से व्यवस्था बनाने का आग्रह किया. इसके बावजूद हंगामा जारी रहने पर सभापति ने कहा, यह तरीका सही नहीं है. उन्होंने कहा कि पीयूष गोयल को सभी ने सुना, अब सभी लोग विपक्ष के नेता को सुनें. उन्होंने कहा, इससे हम एक अच्छा संदेश भेजेंगे. अगर हम सकारात्मक चर्चा करेंगे तो अच्छा होगा. यदि हम एक दूसरे को नहीं सुनेंगे, व्यवधान करेंगे तो हमें कुछ लाभ नहीं होगा.
सत्ता पक्ष के सदस्य हंगामा करते रहे
मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इसे गंभीरता से लें और विपक्ष के नेता को ध्यान से सुनें. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह हर किसी को बोलने का अवसर देंगे. इसके बावजूद सत्ता पक्ष के सदस्य हंगामा करते रहे. धनखड़ ने कहा, यह तरीका ठीक नहीं है कि जब पीयूष गोयल बोले तो विपक्ष के सदस्य खड़े होकर हंगामा करें और जब विपक्ष के नेता बोले तो सत्ता पक्ष के सदस्य हंगामा करें. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जब हंगामा जारी रखा तो सभापति ने उन्हें चेतावनी दी.
नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग
सत्ता पक्ष के सदस्यों की टोकाटोकी के बीच खड़गे ने कहा कि वह बार-बार नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकारी सदस्य, जो भाजपा के सदस्य हैं, वे राजस्थान का सवाल यहां उठा रहे हैं. उन्होंने सत्ता पक्ष के सदस्यों से कहा, आप इस मुद्दे को अपने विधानसभा में उठा सकते हैं. यह मंच नहीं है. राजस्थान के बारे में, छत्तीसगढ़ के बारे में महाराष्ट्र के बारे में बोलने का यह सदन नहीं है. उनके सदस्यों को बोलिए कि वह ताकतवर हैं तो वहां जाकर उठाएं.
सत्ता पक्ष के सदस्यों का हंगामा और तेज हो गया
वहां उसका जवाब मुख्यमंत्री देते हैं. इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों का हंगामा और तेज हो गया. खड़गे ने कहा, हमारे लोग आपको जवाब देने में समर्थ हैं, आप वहां जाकर मुद्दे उठाइए. हंगामा जारी रहने पर धनखड़ ने सदस्यों से फिर एक बार व्यवस्था बनाने की अपील की.
संविधान इस सदन को हर मुद्दे पर बहस करने की अनुमति देता है
उन्होंने कहा, एक बार तो ऐसा मौका आने दो कि सदन में मेरे अलावा कोई ना बोले. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने व्यवस्था के तहत उठाये गये एक प्रश्न के तहत स्पष्ट किया था कि संविधान इस सदन को हर मुद्दे पर बहस करने की अनुमति देता है, सिर्फ न्यायाधीशों से संबंधित मुद्दों को छोड़कर. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई विषय नहीं है कि जिसके बारे में हम सदन में चर्चा नहीं कर सकते. वह चाहे मणिपुर हो या राजस्थान हो या छत्तीसगढ़. सभापति की इस टिप्पणी के बाद विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया. हंगामा थमते न देख सभापति ने कार्यवाही 11 बजकर 31 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भाजपा सदस्य घनश्याम तिवाडी ने राजस्थान में कानून व्यवस्था खराब होने का दावा करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग की.
विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया
इसी दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. सदन के नेता गोयल ने कहा कि सदस्य राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार से चिंतित है. उन्होंने आसन से कहा कि मणिपुर मुद्दे पर नियम 176 के तहत चर्चा की अनुमति दी गयी थी और उसी प्रकार नियम 176 के तहत राजस्थान के मुद्दे पर भी चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने मणिपुर मुद्दे पर 267 के तहत अपनी मांग दोहराई. हालांकि सदन में शोर के कारण वह अपनी बात पूरी नहीं कर सके और सभापति जगदीप धनखड़ ने बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.
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